आरयू ब्यूरो, लखनऊ। दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर अब सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में सूबे की राजधानी लखनऊ में दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी है। पुराने लखनऊ के घंटाघर के समीप शुक्रवार अपरान्ह शुरू हुआ यह प्रदर्शन पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के लाख समझाने के साथ ही कड़ाके की ठंड व कोहरे के बावजूद शुक्रवार की रातभर चलता रहा। इस दौरान प्रशासन प्रदर्शन स्थल के पास की लाइटें भी कटवा दी थी, हालांकि इससे भी प्रदर्शनकारी अपनी जगह से नहीं हिले और प्रदर्शन को अनिश्चितकालीन बताते हुए खुले आसमान के नीचे मोमबत्ती की रोशनी में अपना प्रदर्शन जारी रखा।
वहीं प्रदर्शन के दूसरे दिन शनिवार को महिलाओं व बच्चों के इस प्रदर्शन में लोगों की खासी भीड़ जमा होती रही। हाथों में तिरंगा व एनआरसी, सीएए व एनपीआर विरोधी नारे लिखीं तख्तियां-बैनर लिए महिलाओं व बच्चों का हुजूम इन कानूनों को संविधान विरोधी बताते हुए नारेबाजी करता रहा।
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वहीं प्रदर्शन की जानकारी पर पुलिस आयुक्त सुजीत कुमार पांडेय भी अपने मातहतों के साथ मौके पर पहुंचे और महिलाओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन महिलाओं ने मांग पूरी न होने तक अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन समाप्त करने से मना कर दिया।
लाइट काटी, तंबू भी नहीं लगाने दिया
वहीं प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि हमारे कार्यक्रम को विफल करने के लिए रात में घंटाघर की बिजली काट दी गई। इतनी ठंड में हमें तंबू भी नहीं लगाने दिया गया। प्रदर्शन में शामिल युवती शाहीन बेगम ने कहा कि यह प्रदर्शन दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन की तर्ज पर ही है और जब तक एनआरसी और सीएए को वापस नहीं लिया जाता तब तक ये जारी रहेगा। वहीं अन्य प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि ये कानून देश को बांटने वाला है, इसलिए इसे नहीं माना जा सकता।