ISRO ने किया रिस्टार्ट प्रणाली के साथ C20 क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण

क्रायोजेनिक इंजन

आरयू वेब टीम। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन गुरुवार सी20 क्रायोजेनिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस परीक्षण में इंजन ने सामान्य वातावरण की परिस्थितियों में अपनी कार्यक्षमता को साबित किया है। इसमें एक खास तकनीक को शामिल किया गया, जिसे ‘रिस्टार्ट एनबलिंग सिस्टम’ कहा जाता है।

ये तकनीक भविष्य के मिशनों को सफल बनाने में मदद करेगी। अंतरिक्ष एजेंसी ने आज ये जानकारी दी। इस टेस्ट के दौरान, इंजन और सुविधा दोनों का प्रदर्शन सामान्य था, और इंजन ने परफार्मेंस पैरामीटर को हासिल किया। इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर द्वारा बनी स्वदेशी CE20 क्रायोजेनिक इंजन LVM3 लॉन्च व्हीकल के ऊपरी फेज को शक्ति दे रहा है और 19 टन के थ्रस्ट लेवल पर चलाने के योग्य है।

इस इंजन ने अब तक छह LVM3 मिशनों के ऊपरी फेज को सफलतापूर्वक संचालित किया है। हाल ही में, इंजन को गगनयान मिशन के लिए 20 टन के थ्रस्ट स्तर के साथ योग्य घोषित किया गया था, और भविष्य के C32 चरण के लिए 22 टन के अपरेटेड थ्रस्ट लेवल के साथ भी योग्य घोषित किया गया था, जिससे LVM3 प्रक्षेपण यान की पेलोड क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

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दरअसल इसरो ने 29 नवंबर 2024 को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में सौ के नोजल क्षेत्र रेशियो वाले अपने CE20 क्रायोजेनिक इंजन का समुद्र तल पर हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस टेस्ट के दौरान इंजन रिस्टार्ट करने की क्षमता के लिए जरूरी मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर का प्रदर्शन भी किया गया।

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