आरयू वेब टीम। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने शनिवार को साल के पहले सैटेलाइट ‘ईओएस-01’ (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) का सफल प्रक्षेपण किया। इस सैटेलाइट को सतीश धवन स्पेस सेंटर से पीएसएलवी-सी49 रॉकेट से लॉन्च किया गया। ये अडवांस्ड अर्थ ऑब्जरवेशन उपग्रह है जिसका सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) दिन और रात की परवाह किए बिना बादलों को भेद कर भी हाई रेज्योल्युशन की तस्वीर लेने में सक्षम है। इसके अलावा नौ विदेशी सैटेलाइट भी लॉन्च किए गए।
इस संबंध में इसरो अध्यक्ष के सिवन ने कहा, “इस महामारी के दौरान इसरो की टीम ने गुणवत्ता से समझौता किए बिना कोविड निर्देशों के अनुसार काम किया। इसरो के सभी कर्मचारियों को इस समय गुणवत्तापूर्ण काम करते देखना वास्तव में खुशी की बात है।” उन्होंने आगे कहा कि, “यह मिशन इसरो के लिए बहुत खास और असाधारण है। अंतरिक्ष गतिविधि ‘घर से काम’ से नहीं की जा सकती। हर इंजीनियर को लैब में उपस्थित रहना पड़ता है। जब इस तरह के मिशनों के बारे में बात की जाती है, तो प्रत्येक तकनीशियन, कर्मचारी को एक साथ मिलकर काम करना पड़ता है।”
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रॉकेट का प्राथमिक पेलोड भारत का राडार इमेजिंग उपग्रह ईओएस-01 है, यह RISAT-2BR2 उपग्रह है, जिसका नाम बदलकर ईओएस-01 रखा गया है। भारत की नई आंख अंतरिक्ष से सेना की निगरानी क्षमता को बढ़ावा देगी और सुरक्षाबलों को चीन के साथ एलएएसी स्टैंड-ऑफ के बीच सीमाओं पर नजर रखने में मदद करेगी।
इतना ही नहीं अपनी निगरानी भूमिका के अलावा, ईओएस -01 का उपयोग कृषि, वानिकी, मिट्टी की नमी, भूविज्ञान, तटीय निगरानी और बाढ़ निगरानी जैसे नागरिक अनुप्रयोगों के लिए भी किया जाएगा, जबकि ग्राहक उपग्रहों को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआइएस), अंतरिक्ष विभाग के साथ वाणिज्यिक समझौते के तहत लॉन्च किया जा रहा है।