पूर्व मुख्‍यमंत्री हेमंत को मिली जमानत, बाहर निकलते ही सोरेन ने कहा, मनगढंत कहानी बना मुझे पांच महीने जेल में रखा

जेल से बाहर हेमंत सोरेन
जेल से बाहर आने के बाद परिवार के बीच हेमंत सोरेन।

आरयू वेब टीम। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन को शुक्रवार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने हेमंत सोरेन को नियमित जमानत दे दी है। झामुमो नेता हेमंत सोरेन को 50 हजार रुपए के दो मुचलके पर जमानत दी गई है। जमानत मिलने के बाद आज करीब पांच महीने बाद हेमंत जेल से बाहर भी आ गए।

जेल से निकलते ही हेमंत ने जेएमएम कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “जो किया जा रहा है, वो पूरे देश में किसी से छिपा नहीं है। एक मनगढंत कहानी बना कर मुझे पांच महीने तक जेल में रखा गया। इसी प्रकार देश के अलग-अलग हिस्सों में कहीं पत्रकार बंद हैं, कहीं सरकार के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले लोग बंद हैं, आवाज को कुचला जा रहा है, दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में बंद हैं। कई मंत्रियों को जेल में डाला जा रहा है। “न्याय की प्रक्रिया इतनी लंबी हो रही है कि दिन-महीने नहीं सालों लग रहे हैं. जो लोग शिद्दत के साथ देश समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं उनके काम में बाधा डाली जा रही है।”

बताते चलें 13 जून को हेमंत सोरेन के अधिवक्ता और प्रवर्तन निदेशालय के एएसजी एस.वी.राजू की दलील पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल रांची के बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन की कथित हेराफेरी मामले में ईडी ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। तब से वह रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में हैं। पिछले दिनों जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा था कि ये मामला सिविल नेचर का है। जमीन को भुईंहरी बताते हुए कहा गया था कि इसका ट्रांसफर नहीं हो सकता है। इस मामले में कहीं मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हुई है।

वहीं ईडी की ओर से कहा गया था कि जिस जमीन को लेकर हेमंत सोरेन अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं, उसपर कब्जे के लिए उन्होंने अधिकारियों की मदद ली थी। दरअसल वो जमीन उन्हीं की है। उनके पूर्व राजनीतिक सलाहकार ने भी इस बात को स्वीकार किया है। ईडी का दावा है कि लैंड स्कैम मामले में गिरफ्तार राजस्व कर्मी भानु प्रताप ने भी इस बात को स्वीकार किया है।

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यही नहीं संबंधित जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की योजना थी। आर्किटेक्ट विनोद सिंह ने हेमंत सोरेन के मोबाइल पर इससे जुड़ा नक्शा भी भेजा था। ईडी के अधिवक्ता ने अपनी दलील में कहा था कि अगर हेमंत सोरेन को जमानत मिलती है तो वह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर जांच में बाधा डाल सकते हैं।

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