आरयू वेब टीम। भारतीय जवानों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल करने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। विदेश मंत्री ने लोकसभा में कहा कि हमें विपक्ष की आलोचना से कोई परेशानी नहीं, लेकिन हमें जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। हमारे सैनिकों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
लोकसभा में विदेश मंत्री ने कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन हमें अपनों जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैंनु सुना है कि मुझे अपनी समझ को और विकसित करने की जरूरत है। मैं पहले यह देखूंगा कि यह सलाह कौन दे रहा है और इसके बाद ही मैं बयान का सम्मान कर सकता हूं। हमारे जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।’
जयशंकर ने कहा, ‘हमें अपने सैनिकों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी तरीके से आलोचना नहीं करनी चाहिए। हमारे जवान यांग्त्से में 13,000 फीट की ऊंचाई पर हैं और सीमा की सुरक्षा कर रहे है। इसके लिए उनका सम्मान एवं प्रशंसा होनी चाहिए।’
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि हम चीन के प्रति यदि गंभीर नहीं होते तो सीमा पर भारतीय सेना को नहीं भेजते। हम चीन को यदि गंभीरता से नहीं लेते तो हम गतिरोध तोड़ने व सैनिकों की वापसी के लिए पहल नहीं करते। हम सार्वजनिक रूप क्यों कह रहे हैं कि दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हैं?
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तमिलनाडु के मछुआरों की समस्या पर विदेश मंत्री ने बताया कि साल 2014 से श्रीलंका से 2,835 मछुआरों की रिहाई हुई है। सरकार में आने के बाद से पीएम मोदी ने तमिलनाडु के मछुआरों की समस्या पर ध्यान दिया है। इस समस्या पर पीएम की श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ कई बार बात हुई है। श्रीलंका मछुआरों को यदि आज रिहा कर रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि चेन्नई में बैठा कोई व्यक्ति कोलंबो को पत्र लिख रहा है बल्कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि दिल्ली में बैठा कोई व्यक्ति इस मुद्दे को उठा रहा है।
दरअसल, नौ दिसंबर को तवांग में चीनी सैनिकों व भारतीय जवानों के बीच हुई झड़प के बारे में राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले बयान दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘चीन हमारे सैनिकों की पिटाई कर रहा है।’ विदेश मंत्री चीन की आक्रामकता पर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दे रहे थे।