आरयू इंटरनेशनल डेस्क।
एच-1बी वीजा के मुद्दे को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रोस के समक्ष उठाया। इसके साथ ही कुशल भारतीय पेशेवरों की अमेरिका में महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख भी किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक के दौरान रोस ने कहा कि अमेरिका ने एच-1बी वीजा मामले की समीक्षा शुरू की है और इस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। ट्रंप प्रशासन के अंतर्गत दोनों देशों के बीच पहली कैबिनेट मंत्री स्तर की वार्ता है।
एक भारतीय अधिकारी ने मीडिया को बताया कि भारतीय आईटी कंपनियों तथा पेशेवरों के मामले को उठाते हुए जेटली ने रोस से अमेरिका तथा भारत के आर्थिक विकास में अत्यधिक कुशल भारतीयों के योगदान के बारे में बताया और जोर दिया के यह बना रहना चाहिए जो दोनों देशों के हित में है।
ऐसा माना जा रहा है कि रोस ने कहा कि समीक्षा प्रक्रिया का जो भी नतीजा आएगा, ट्रंप प्रशासन का गुण आधारित आव्रजन नीति का लक्ष्य है जो उच्च दक्ष पेशेवरों को तरजीह दे। ट्रंप ने इस सप्ताह सरकारी आदेश पर दस्तखत किये जिसमें विदेश, श्रम, आंतरिक सुरक्षा एवं न्याय विभाग द्वारा एच-1बी वीजा की समीक्षा बात कही गयी है।
जेटली अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्वबैंक की सालाना गृष्मकालीन बैठक में भाग लेने के लिये प्रतिनधिमंडल के साथ वहां गए हुए हैं।
अगले दो दिन वित्त मंत्री का अमेरिका, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, इंडोनेशिया तथा स्वीडन के वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने का कार्यक्रम है। वह पड़ोसी देश बांग्लादेश और श्रीलंका के वित्त मंत्रियों से भी मिल सकते हैं।
वाणिज्य मंत्री के साथ बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों ने वर्षों में मजबूत रणनीतिक, आर्थिक एवं रक्षा संबंध विकसित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों को दोनों देशों में द्विपक्षीय आधार पर पूरा समर्थन है।