आरयू वेब टीम।
लोकसभा चुनाव के मतदान शुरू होने से पहले बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री पद की अपनी महत्वकांक्षा जाहिर की है। मायावती ने आज कहा कि अगर मौका मिलता है तो वह केंद्र में सबसे बढ़िया सरकार देने में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मिले अनुभव का प्रयोग करेंगी।
उन्होंने कहा कि वह चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। आंध्र प्रदेश में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि मुझे बहुत अधिक अनुभव है। मैं इस तजुर्बे का इस्तेमाल केंद्र में और लोगों के कल्याण के लिए करूंगी।
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उन्होंने कहा, ‘अगर हमें केंद्र में अवसर मिलता है, हम उत्तर प्रदेश के तरीके को अपनायेंगे और सभी दृष्टिकोणों से सबसे बढ़िया सरकार देंगें। सभी स्तरों पर एक अच्छी सरकार। साथ ही जब उनसे पूछा गया कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहेंगी तो उन्होंने कहा, चीजें तब स्पष्ट होंगी जब 23 मई को आम चुनावों के परिणाम आ जायेंगे।
मायावती ने कहा कि लोग राष्ट्रीय स्तर पर ‘बदलाव चाहते’ है। उन्होंने बताया कि साल 2014 के चुनावों में उनकी पार्टी वोट शेयर के मामले में भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरे स्थान पर थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या एक ‘तीसरे मोर्चे’ की जरूरत है, तो बसपा प्रमुख ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद यह स्पष्ट होगा। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुये कहा कि उनका राज्य में हुआ गठबंधन आंध्र प्रदेश में सरकार बनायेगा और पवन कल्याण उसके मुख्यमंत्री होंगे।
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बताते चलें कि बीएसपी आंध्र प्रदेश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव में जन सेना, माकपा और भाकपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। बसपा राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से तीन एवं विधानसभा की 175 सीटों में से 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जन सेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण भी इस अवसर पर मौजूद थे।