आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले को अलीगढ़ में विरोध का सामना करना पड़ा। करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने इस काफिले का विरोध कर काली स्याही और टायर फेंके। इस दौरान गाड़ियां भी आपस में टकरा गई। काफिले की कई गाड़ियां आपस में टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गई है और उसमें सवार कई लोग घायल हो गए। करणी सेना की इस हरकत से प्रदेशभर में सपा नेता व कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो गया है। खुद सपा सुप्रीमो व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने हमले को लेकर रोष जताते हुए योगी सरकार की मंशा और क्षमता पर सवाल उठाएं हैं।
जानकारी के मुताबिक, रामजीलाल सुमन का काफिला हाथरस से बुलंदशहर जा रहा था। इस बात की सूचना मिलते ही कानून-व्यवस्था को धता बताते हुए करणी सेना के कार्यकर्ता पहुंच गए और उन्होंने काफिले का विरोध करना शुरू कर दिया। खेरेश्वर चौराहे पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए स्याही और टायर फेंके। जिसकी वजह से गाड़ियों का बैलेंस बिगड़ा और काफिले की कई गाड़ियां आपस में टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गई है।
वहीं इस हादसे में एडवोकेट ब्रजमोहन राही, एडवोकेट लल्लन बाबू, वीरपाल सिंह, सत्यपाल, सुरेश और विजयपाल घायल हो गए। ये सभी हाथरस जनपद के चंदपा थाना क्षेत्र के गांव कुंवरपुर के निवासी हैं।
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इसके बाद जैसे ही रामजीलाल सुमन का काफिला आगे गभाना टोल प्लाजा पर पहुंचा तो वहां पर उन्हें पुलिस ने रोका। पुलिस ने रामजीलाल सुमन को वापस भेज दिया और कुछ ही सपा कार्यकर्ताओं को आगे जाने दिया। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने पथराव करने का भी आरोप लगाया है।
वहीं अखिलेश यादव ने हमले को लेकर आज कहा कि सांसद रामजी लाल सुमन जी के क़ाफ़िले पर टायर व पत्थर फेंककर, उनके ऊपर जो जानलेवा हमला हुआ है वो उस ऐक्सीडेंट का कारण बना है, जो प्राणांतक दुर्घटना में भी बदल सकता था। ये एक आपराधिक कृत्य है। इतने टायर एक साथ इकट्ठा करना, एक गहरी साज़िश का सबूत ख़ुद है। ये एक बार फिर इंटेलिजेंस की गहरी चूक है या फिर जानबूझकर की गयी अनदेखी है।
अखिलेश ने आगे कहा कि अगर शासन-प्रशासन ये सब जानते हुए भी अंजान बनने की कोशिश कर रहा है तो वो ये जान ले कि अराजकता किसी को भी नहीं बख्शती है, एक दिन भाजपाई और उनके संगी-साथी भी ऐसे हिंसक तत्वों का शिकार होंगे। देश में एक सांसद के ऊपर हुए जानलेवा हमले का संज्ञान लेना वाला कोई है या फिर ‘पीडीए का सांसद’ होने के कारण वर्चस्ववादियों की सरकार शर्मनाक चुप्पी साधकर भूमिगत हो जाएगी।
पूर्व सीएम ने यूपी के मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अब क्या बुलडोज़र का दम बेदम हो गया है या उत्तर प्रदेश की सरकार ने अराजकता के आगे समर्पण कर दिया है या फिर ये सब यूपी सरकार की रज़ामंदी से हो रहा है?