आरयू वेब टीम।
आईएनएक्स मीडिया मनी लॉंड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम को लेकर आज कोर्ट में तीखी बहस चली। वहीं सीबीआइ ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से पूछताछ के लिए कार्ति की हिरासत अवधि 14 दिन बढ़ाने की मांग कर की है। हालांकि कार्ति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध किया।
इस मामले में कार्ति चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि कार्ति का रिमांड बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि उन्हें पिछले साल 28 अगस्त के बाद समन नहीं किया गया है। उन्होंने कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि कार्ती मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बाद 15 से 20 दिनों के लिए बाहर गए थे। उनकी यह गिरफ्तारी विदेश से वक्त पर देश में लौटने का इनाम है।
यह भी पढ़ें- INX मनी लॉड्रिंग: कार्ती चिदंबरम को CBI ने किया गिरफ्तार
साथ ही उन्होंने यह भी तर्क दिया कि गिरफ्तारी के पीछे कोई कारण होते हैं, जैसे भागने का डर, सबूतों से छेड़छाड़ या जांच में सहयोग ना करना हो, लेकिन यहां ऐसा कोई आधार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि साल 2017 मई में कार्ति से पूछताछ की कार्रवाई शुरू हुई और दो बार पूछताछ करके क्या इस तरह चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार करना सही है?
पी चिदंबरम ने आरोपों का किया खंडन
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने आज अपने बेटे कार्ति चिदंबरम के मामले में कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि जिस मामले में उन्हें और उनके बेटे को आरोपी बनाया गया है, उस मामले की जांच के आदेश उन्होंने ही दिए थे। चिदंबरम ने इस पूरे मामले सीबीआइ के आरोपों का खंडन किया है।
यह भी पढ़ें- पूर्व वित्त मंत्री के बेटे कार्ति चिदंबरम के आवास पर ED का छापा