आरयू वेब टीम। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) हिंसा मामले में चल रही चर्चाओं के बीच दिल्ल की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बयान दिया है। उन्होंने हिंसा रोकने के मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका को लेकर भाजपा पर सवाल उठाएं हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को जब तक ऊपर से आदेश नहीं मिलेगा कि हिंसा रोकनी है और कानून-व्यवस्था को ठीक करनी है तो वह क्या करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”दिल्ली पुलिस क्या कर सकती है। ऊपर से आदेश अगर आएगा कि आपको हिंसा नहीं रोकनी, कानून व्यवस्था ठीक नहीं करनी है तो बिचारे क्या करेंगे। अगर नहीं मानेंगे तो सस्पेंड हो जाएंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम है, लेकिन इसे “मूकदर्शक बने रहने और कार्रवाई न करने के” ऊपर से आदेश मिलते हैं। केजरीवाल का इशारा जेएनयू और जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में हाल में हुई हिंसा में पुलिस की भूमिका की तरफ था।
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अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से सवालिया लहजे में पूछा कि अब किस भरोसे से छात्र यूनिवर्सिटी जाएंगे। इससे पहले बता दें कि जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे ही कई हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं। क्राइम ब्रांच के सूत्रों की मानें तो इस घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। साजिशकर्ता ने इस घटना को अंजाम देने के लिए बाकायदा कोडवर्ड्स का इस्तेमाल किया।
दिल्ली पुलिस के सामने कई व्हाट्सएप ग्रुप के चैट्स भी सामने आए हैं जिससे लगता है कि इन ग्रुप को इस हमले को अंजाम देने के लिए इंफॉर्मेशन साझा करने के लिए बनाया गया था, जिसमें हमलावरों को यह भी बताया गया कि जेएनयू के वह कौन से रास्ते हैं जहां से वह आसानी से जेएनयू कैंपस में दाखिल हो सकते हैं।
केजरीवाल ने गुरुवार को दावा किया कि गाजीपुर लैंडफिल में कचरे के ढेर की ऊंचाई जल्द ही ताज महल की ऊंचाई को भी पार कर जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली को बीजेपी का ‘‘सबसे बड़ा उपहार’’ गाजीपुर लैंडफिल है, जहां कचरे का ढेर जमा होता है और जल्द ही यह ताज महल की ऊंचाई को भी पार कर लेगा।