आरयू वेब टीम। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि केंद्र की मोदी सरकार रद्द किए गए तीन कृषि कानूनों को ‘‘नीति’’ कहकर उन्हें पिछले दरवाजे से दोबारा लागू करने की तैयारी में है। साथ ही कहा कि अगर पंजाब में प्रदर्शनकारी किसानों को कुछ हुआ तो इसके लिए भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार होगी।
केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर हजारों किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल एक महीने से अधिक समय से आमरण अनशन पर हैं और उन्होंने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह दावा किया कि केंद्र निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को ‘‘नीति’’ कहकर उन्हें ‘‘पिछले दरवाजे’’ से दोबारा लागू करने की तैयारी में है।
उन्होंने कहा कि नयी ‘‘नीति’’ की प्रतियां सभी राज्यों को उनके विचार जानने के लिए भेजी गई हैं। आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने ‘‘कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा’’ पर नव घोषित मसौदा नीति को 2020 में पारित तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से प्रवेश का प्रयास करार दिया है। किसानों के एक साल के विरोध के बाद केंद्र ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया था।
हमला जारी रखते हुए आप संयोजक ने कहा कि पंजाब में किसान कई दिनों से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं, लेकिन अपने अहंकार के कारण बीजेपी सरकार किसानों से बात तक नहीं कर रही। आप प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने तीन साल पहले किसानों की मांगों को मान लिया था लेकिन अब वह अपने वादे से मुकर गई है। केजरीवाल ने कहा, ‘‘आखिर भाजपा को इतना ज्यादा अहंकार क्यों है कि वह किसी से बात भी नहीं करती?’’ उन्होंने अपने लंबे पोस्ट में कहा, ‘‘पंजाब में जो किसान अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं, भगवान उन्हें सलामत रखें, लेकिन यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार होगी।’’
यह मी पढ़ें- केजरीवाल का बड़ा ऐलान, पुजारी-ग्रंथियों को हर महीने मिलेंगे 18 हजार रुपये
केंद्र पर फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के मकसद से डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे हैं। सुरक्षाबलों द्वारा किसानों को दिल्ली कूच से रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।