आरयू ब्यूरो, लखनऊ। जल को हम जीवन के पर्याय मानते हैं। यह सृष्टि के लिए आवश्यक है। जल की कीमत को हमको समझना होगा। उसे बचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम से लेकर अन्य कदम उठाने होंगे। रेन वाटर हार्वेस्टिंग इसी क्रम का हिस्सा है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हर नगर हर जनपद में एक अमृत सरोवर बने, यह इसी क्रम का हिस्सा है। उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में भूजल सप्ताह के समापन समारोह में संबोधित करते हुए कही।
सीएम योगी ने कहा कि जीव जन्तु सृष्टि को जिंदा रखना है तो हमको सोचना ही पड़ेगा। प्रकृति की मार जब पड़ती है त्राहि होती है। पश्चिमी क्षेत्र में देखिये बाढ़ और पानी है। पूर्वी क्षेत्र में पानी का नामोनिशान नहीं है। हमको इसलिए एक सार्थक प्रयास करना होगा। भूजल सप्ताह इसी दिशा में कार्य करने के लिए है। हमारे तालाब इस दिशा मे कार्य कर सकते हैं। इससे रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य कर सकते हैं।
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नियम बनाया था कि जल प्रदूषण पर जुर्माने का प्रावधान है। किसी नए सरकारी भवन के निर्माण में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी जरूरी है। व्यापक जनजागरूकता और जन भागीदारी से कार्य आसान हो सकता है। विंध्य, बुंदेलखंड में एक समय लोग पांच-सात किलोमीटर दूर से सिर पर पानी लाद कर लाते थे। गंदे तालाबों से पानी की व्यवस्था करनी पड़ती थी। आज हर घर नल हर घर जल योजना से बुंदेलखंड विंध्य क्षेत्र में स्वच्छ साफ पेयजल का सपना साकार हो रहा है।
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आज उत्तर प्रदेश में विकास खंड क्रिटिकल स्टेज की ओर जा रहे हैं। जल संरक्षण की आवश्यकता है, कल वृक्षारोपण का वृहद अभियान होगा और इसके साथ ही स्वतंत्रता दिवस के दिन पांच करोड़ पौध फिर से लगाए जाएंगे। हमको जल संरक्षण की ओर सोचना होगा। बरसात में छत का पानी बर्बाद न जाए। भुगर्भ जल स्तर को बनाये रखना होगा।
कार्यक्रम के दौरान सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, राज्य मंत्री दिनेश खटीक, जल संरक्षण क्षेत्र में कार्य करने वाले महानुभाव, प्रगतिशील किसान समेत अन्य लोग मौजूद रहे।