आरयू ब्यूरो,लखनऊ। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए विपक्ष ने जांच एजेंसियों पर आरोप लगाते हुए पीएम मोदी को लेटर लिखा था। जिसपर गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विपक्ष पर पलटवार किया है। साथ ही ब्रजेश पाठक ने पत्र लिखकर जांच एजेंसियों की शिकायत करने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत नौ प्रमुख विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाया। डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के लिए कोई पुरस्कार हो तो उसे अखिलेश यादव को दिया जाना चाहिए।
ब्रजेश पाठक ने कहा कि नौ प्रमुख विपक्षी नेताओं ने पांच मार्च को पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि जांच एजेंसियां विपक्ष के नेताओं को झूठे मामलों में फंसा रही हैं, लेकिन हमारा मानना है कि ये सभी नौ नेता भ्रष्टाचार में डूबे हैं और खुद को बचाने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वालों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल हैं, जबकि यह जगजाहिर है कि सपा की सभी सरकारें भ्रष्टाचार में डूबी रही हैं।”
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने रिवरफ्रंट घोटाला, नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा जमीन घोटाला, राशन घोटाला और खनन घोटाला समेत विभिन्न मामलों का जिक्र करते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार करने के लिए अगर कोई पुरस्कार है तो यह सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया जाना चाहिए।
वहीं जब पूछा गया कि कितने मामलों में अखिलेश यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुए हैं, तो उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि हमारी सरकार पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कानून का राज स्थापित कर रही है।
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योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने पिछले छह साल के कार्यकाल के दौरान इन घोटालों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? इस सवाल पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमें घोटालों में सजा दिलाने की जल्दी नहीं है। हम एक-एक घोटाले में कार्रवाई करेंगे। वहीं डिप्टी सीएम के आरोपों पर सपा की तरफ से जवाब आया है।