कुल्लू में लैंडस्लाइड से ताश के पत्‍ते की तरह ढही मल्‍टीस्‍टोरी इमारतें, देखें वीडियो

लैंडस्लाइड
लैंडस्लाइड से ढहती इमारत।

आरयू वेब टीम। हिमाचल के कुल्लू में बारिश और भूस्खलन ने लोगों को दहला रखा है। इसी क्रम में कुल्लू में एक साथ कई बहुमंजिला इमारतें ढह गईं। इस हादसे में फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। प्रशासन ने इन इमारतों को समय रहते खाली करवा लिया था।

जानकारी के मुताबिक हिमाचल के कुल्लू जिले के आनी में लगभग सात बिल्डिंगे ताश के पत्तों की तरह गिर गई। ये हादसा बुधवार सुबह 9:40 का बताया जा रहा है। इनमें से एक बिल्डिंग में पहले कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक और दूसरे भवन में एसबीआइ बैंक भी चल रहा था। इन्हें जुलाई महीने की भारी बारिश के बाद प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए पहले ही खाली करवा दिया था। जिसके बाद कुल्लू के नए बस स्टैंड के साथ लगी सात इमारतें लैंडस्लाइड में ढह गई हैं। बताया जा रहा है कि भारी बारिश की वजह से बिल्डिंग में दरारें पड़ गईं थी, जिसके बाद तीन दिन पहले प्रशासन ने इन इमारतों को खाली करवा लिया था।

गौरतलब है कि हिमाचल के कई ज़िलों में फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड की वजह से तबाही मची हुई है। सिर्फ दो दिन के अंदर यानी मंगलवार और बुधवार को हुई बारिश में 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छह लोग लापता हैं। हिमाचल में मानसून से गुरुवार तक 341 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लगातार हो रही लैंडस्लाइड की वजह से दस हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, जबकि राज्य भर में 800 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं।

यह भी पढ़ें- हिमाचल में बारिश के साथ मची तबाही में 21 की मौत, शिव मंदिर भी ढहा, दर्जनों श्रद्धालु दबे, नौ शव बरामद

वहीं शिमला में कई सड़कों पर लैंडस्लाइड की वजह से ट्रैफिक बंद है। बड़े-बड़े पेड़ सड़कों पर गिरे हैं, हर जगह मलबा बिखरा है, जिसमें ट्रक और गाड़ियां दबी हुई हैं। सड़क पर दरारें पड़ी हुई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिमला में कुदरत के कहर का ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा गया है। जबकी आबादी के हिसाब से मंडी, हिमाचल प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है और इस बार यहां भी काफी तबाही हुई है।

यह भी पढ़ें- गौरीकुंड में बाढ़-भूस्खलन के बाद पांच बच्‍चों समेत 12 लापता

जिले के पंडोह में बादल फटने से जमकर तबाही हुई। बादल फटने के बाद आए सैलाब में एक स्कूल के बहने की खबर है। मंडी के कटौला में भी क्लाउड बर्स्ट हुआ है। पहाड़ पर बादल फटने से कटौला नाले का पानी बाहर आ गया और बाढ़ जैसे हालात बन गए। इस इलाके में बादल फटने की ये तीसरी घटना है। मंडी में बारिश की वजह से नदी के किनारे बसे मकानों पर फिर खतरा मंडरा रहा है।