आरयू वेब टीम। सीमा पर मौजूदा स्थिति के लेकर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हैं। उन्होंने कहा कि चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) लद्दाख में अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है। हमारा रुख स्पष्ट है कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि सीमा पर झड़पों और बिना उकसावे के सैन्य कारवाई के बड़े संघर्ष में तबदील होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं पाकिस्तान लागातर भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ करानी की फिराक में रहता है। कभी नदी का सहारा लेता है तो कभी बर्फ का, लेकिन सीमा पर मुस्तैद खड़े भारतीय जवान उनकी मंसूबों पर पानी फेर देते हैं।
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जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे घुस्पैठ के मामलों पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि पाकिस्तान ने सशस्त्र इस्लामी विद्रोह और आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है। पाक पर हमला बोलते हुए रावत ने कहा कि- पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ जम्मू-कश्मीर में प्रॉक्सी वॉर छेड़ रखी है। इसके अलावा पाकिस्तान अब तेजी से सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बयानबाजी शुरू करने और भारत के भीतर सामाजिक असहमति पैदा करने के लिए झूठी सांप्रदायिक बयानबाजी का प्रचार करके गैर-गतिज साधनों का सहारा ले रहा है।
रावत ने आगे कहा कि जैसे-जैसे भारत कद में बढ़ता है, सुरक्षा चुनौतियां आनुपातिक रूप से बढ़ेंगी ही। हमें अपनी सैन्य आवश्यकताओं के लिए व्यक्तिगत राष्ट्रों पर प्रतिबंधों या निर्भरता के निरंतर खतरे से बाहर निकलना चाहिए। सीडीएस ने नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित डायमंड जुबली वेबिनार- 2020 में कहा कि रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए हमें दीर्घकालिक स्वदेशी क्षमता के निर्माण में निवेश करना चाहिए।