आरयू वेब टीम। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की चीन के विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग यी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत हुई है। दोनो नेताओं के बीच हुई बात के बाद लद्दाख सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बन गई है, भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है। विदेश मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया है कि दोनो पक्ष लाइन ऑप एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) का सम्मान करने के लिए राजी हो गए हैं और उसके स्टेटस में बदलाव नहीं करेंगे।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बीच हुई बात का मुख्य मुद्दा दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करना और हाल में हुए टकरावों को भविष्य में टालने के लिए मिलकर काम करना था। विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनो पक्ष भविष्य में सैनिक और राजनयिक चैनलों के जरिए बातचीत करते रहने पर राजी हुए हैं। इससे पहले सोमवार सुबह सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि गलवान में चीन की सेना दो किलोमीटर पीछे हट गई है और साथ में अपने अस्थायी ढांचे को भी हटा लिया है।
यह भी पढ़ें- भारत-चीन विवाद के बीच लद्दाख पहुंचे प्रधानमंत्री, सैनिकों से बात कर बढ़ाया हौसला
विदेश मंत्रालय के अनुसार अजित डोभाल और चीनी विदेस मंत्री ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के नेताओं की आम सहमति से आगे का रास्ता तय किया जाए और भारत-चीन सीमा पर दोनो पक्षों के मनभेद को मतभेद नहीं बनने देना चाहिए। इसलिए, वे इस बात पर सहमत हुए कि शांति की पूर्ण बहाली के लिए भारत-चीन सीमा क्षेत्रों सैनिकों की जल्द से जल्द वापसी सुनिश्चित की जाए।
बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे, लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराया। भारत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पूर्व यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता आया है। क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई चरणों की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं हुई हैं। हालांकि, दोनों पक्षों के क्षेत्र से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत होने के बावजूद गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे थे।