आरयू वेब टीम। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गतिरोध के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई मीटिंग में पांच सूत्रीय कार्यक्रम पर सहमति बनी है जिससे एलएसी पर तनाव को कम किया जा सके दोनों देशों के बीच एकबार फिर विश्वास बहाल हो सके। दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि अहसमतियों को विवाद में बदलने नहीं दिया जाएगा।
दोनों देशों ने यह बात भी मानी के बॉर्डर पर मौजूदा हालात किसी के भी हित में नहीं है। साथ ही दोनों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि सीमा पर दोनों ही देशों के सैनिक एक-दूसरे से बातचीत करें जल्द ही डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो और दोनों एक दूसरे से प्रॉपर डिस्टेंस मेंटेन करें ताकि तनाव कम हो सके।
दोनों देशों ने इस बात पर भी अपनी सहमति जताई कि उनके बीच हुए तमाम एग्रीमेंट का पालन करेंगे और बॉर्डर पर शांति और सौहार्द बनाने के लिए और आगे मामला ना बढ़े उसके लिए कदम उठाएंगे।
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इसके अलावा भारत व चीन ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि बातचीत के लिए स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव मेकैनिज्म और डब्लूएमसीसी की मीटिंग जारी रहनी चाहिए। साथ ही दोनों देशों ने कहा है कि जैसे ही बॉर्डर पर हालात सामान्य होते हैं दोनों देशों को विश्वास बहाली के उपायों पर काम करना होगा।
वार्ता के अहम बिंदु
सैनिकों के डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो, प्रॉपर डिस्टेंस मेंटेन करें,
दोनों देशों के बीच हुए तमाम समझौतों का पालन किया जाए,
बॉर्डर पर शांति और सौहार्द बनाने के लिए कदम उठाएंगे,
अहसमतियों को विवाद में बदलने नहीं दिया जाएगा,
स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव मेकैनिज्म और डब्ल्यूएमसीसी की मीटिंग जारी रहनी चाहिए।