आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अवैध तरीके से की जा रही ट्रैक्टर ट्रॉली की सवारी अब लगातार बड़ी संख्या में लोगों की जान ले रही है। इसी हफ्ते सोमवार को राजधानी लखनऊ में ट्रैक्टर ट्रॉली के तालाब में पलटने से जहां दस श्रद्धालुओं की मौत हो गयी थी और 37 लोग घायल हो गए थे। इससे ठीक एक दिन पहले यानि बीते रविवार को ही ललितपुर में ट्रक की टक्कर से ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवार दो महिला समेत चार लोगों की मौत हुई थी और 15 लोग ग्रामीण हुए थे। इसके बावजूद यूपी के शहरों में ट्रैक्टर ट्राली पर यात्रा करने से रोक नहीं लगाई गयी है।
वहीं अब शनिवार रात कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र के भीतरगांव के पास ट्रैक्टर ट्रॉली की सवारी ने कम से कम 26 श्रद्धालुओं की जान ले ली है, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। हादसे का एक दर्दनाक पहलू यह भी है कि जान गंवाने वालों में अधिकतर मासूम बच्चे व महिलाएं शामिल हैं। इतने बड़े हादसे से पूरे गांव में कोहराम मचा है। दूसरी ओर पुलिस व प्रशासनिक अफसर देर रात तक राहत व बचाव कार्य में जुटे थे।
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बताया जा रहा है कि कस्बे के कोरथा गांव निवासी राजू निषाद के एक साल के बेटे का मुंडन संस्कार था। शनिवार पूर्वान्ह करीब 11 बजे राजू ट्रैक्टर ट्रॉली से निषाद समुदाय के 50 लोगों को लेकर जनपद फतेहपुर स्थित चंद्रिका देवी मंदिर दर्शन कराने गया था। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी थे। दर्शन करने के बाद दोपहर तीन बजे सभी लोग वापस गांव के लिए निकले थे।
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हादसे में घायल एक महिला ने मीडिया को बताया कि गांव लौटने के दौरान रास्ते में देसी शराब का ठेका पड़ा। यहां ट्रैक्टर रोककर पुरुषों ने शराब पी। इसके बाद राजू ने ट्रैक्टर तेजी से लहराकर चलाना शुरू कर दिया। महिला के मुताबिक कई बार उसे टोका भी गया पर माना नहीं। हरदेव बाबा मंदिर के पास पहुंचे ही थे तभी ट्रैक्टर अनियंत्रित हो गया और सड़क किनारे पानी भरे एक बड़े गड्ढे में जा गिरा। ट्राली के लोगों के ऊपर ही पलटने से अधिकतर लोग उसके नीचे ही फंस गए और कम पानी होने के बाद भी ट्राली के नीचे फंसने के चलते जिंदा बाहर नहीं निकल सके।
चीख-पुकार सुन कुछ देर बाद मौके पर जुटे ग्रामीणों ने ट्राली के नीचे फंसे लोगों को काफी मशक्कत कर निकालना शुरू किया, हालांकि तब तक अधिकतर लोगों की पानी में सांस नहीं लेने की वजह से मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों का मानना था कि ट्राली की जगह कोई और वाहन होता तो कम से कम इतनी बड़ी संख्या में लोगों की दम घुटने से तो मौत नहीं ही होती।
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वहींं दिल दहला देने वाले हादसे की जानकारी लगते ही एडीजी जोन कानपुर, पुलिस कमिश्नर, व जिलाधिकारी समेत पुलिस व प्रशासनिक तमाम अफसरों ने मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव शुरू किया। हादसे में जान गंवाने वाले 27 लोगों में 11 महिलाएं व 11 बच्चे शामिल थे। पुलिस ने दर्जनभर से अधिक लोगों को हैलेट व अन्य अस्पताल में भर्ती कराया है, जबकि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की तैयारी की जा रही थी।