LDA अफसरों की कारस्‍तानी, 14 साल बाद दिया प्‍लॉट भी निकला विवादित तो बुजुर्ग से कह रहें एक-दो महीने बाद मिलिये, अभी नहीं हुई प्रगति

अफसरों की कारस्‍तानी
फरियादियों की समस्याएं सुनते वीसी शिवाकांत द्विवेदी साथ में अन्य अफसर।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। एलडीए में अधिकारी कितनी जिम्‍मेदारी से जनता की समस्‍याओं को हल करते है, इसकी बानगी गुरुवार को एलडीए में आयोजित जनता अदालत में एक बार फिर सामने आ गयी। करीब 14 साल के इंतजार के बाद बुजुर्ग को आवंटी पिछले साल जुलाई में एलडीए ने गोमतीनगर विस्‍तार में प्‍लॉट दिया था, लेकिन उस प्‍लॉट के विवादित निकलने के बाद आवंटी एलडीए की जनता अदालत में चक्‍कर लगा रहा है, लेकिन अधिकारी हर बार उसे यह कह कर टाल दे रहे हैं कि एक-दो महीने बाद मिलिये, अभी कोई प्रगति नहीं हुई है।

ये है पूरा मामला-

आजमगढ़ निवासी 70 वर्षीय ओंकार सिंह यादव ने आज जनता अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि फरवरी 2005 में एलडीए ने उन्‍हें गोमतीनगर विस्‍तार के सेक्‍टर चार स्थित प्‍लॉट (संख्‍या डी 607) को आवंटित किया था, लेकिन दस साल के इंतजार के बाद एलडीए ने उस प्‍लॉट को ही मीसिंग बता दिया। काफी चक्‍कर लगाने के बाद पिछले साल तत्‍कालीन एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह ने उन्‍हें उपरोक्‍त प्‍लॉट के बदले गोमतीनगर विस्‍तार के सेक्‍टर छह स्थित प्‍लॉट (संख्‍या ई- 1037) को समायोजित कराया था। जिसकी रजिस्‍ट्री भी 22 जुलाई 2019 को उनके नाम से कर दी गयी, लेकिन उसके अगले ही दिन जब वह एलडीए के जेई के साथ कब्‍जा लेने पहुंचें तो पता चला कि उक्‍त प्‍लॉट के विवादित होने के चलते कोर्ट ने स्‍टे लगा रखा है।

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ओंकार सिंह ने दावा किया कि पिछले साल जुलाई से एलडीए की हर जनता अदालत में वह प्रार्थना पत्र देकर अधिकारियों से इस बात की विनती करते हैं कि 70 साल की उम्र में उन्‍हें आजमगढ़ से लखनऊ आने-जाने में काफी परेशानी होती है, लेकिन हर बार एलडीए के अधिकारी यही कहते हुए टाल देते है कि एक-दो महीने बाद मिलिये, आप का केस हमे याद है, अभी कोई प्रागति नहीं हुई है।

15 साल बीते कब्‍जा दिया न रजिस्‍ट्री की

ओंकार सिंह की ही तरह हरेंद्र प्रताप सिंह ने भी प्रार्थना पत्र देकर कहा कि 15 साल पहले उन्‍हें गोमतीनगर विस्‍तार स्थित प्‍लॉट संख्‍या 5/465 का आवंटन एलडीए से किया गया था। प्‍लॉट की कीमत चुकाने के बाद भी आज तक एलडीए ने उनको प्‍लॉट का कब्‍जा दिया और न ही अब तक रजिस्‍ट्री की।

वहीं इस संबंध में एलडीए के चक्‍कर लगाने के बाद थक-हार कर उन्‍होंने पिछले दिनों मुख्‍यमंत्री के जनसुवाई पोर्टल पर शिकायत की तो एलडीए ने वहां झूठी सूचना दे दी कि, उन्‍होंने प्‍लॉट का पूरा पैसा नहीं जमा किया है।

पंचशील में नहीं दे रहें फ्लैट का कब्‍जा

वहीं संतोष गुप्‍ता ने जनता अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एलडीए पर मनमानी का आरोप लगाया है। संतोष गुप्‍ता के अनुसार गोमतीनगर के विकल्‍प खंड स्थित पंचशील अपार्टमेंट में उन्‍हें फ्लैट आवंटित किया गया था। जिसकी रजिस्‍ट्री भी उन्‍होंने पिछले साल नवंबर में करा ली थी, लेकिन अब तक उन्‍हें कब्‍जा नहीं दिया जा रहा है। साथ ही उन्‍होंने इंजीनियरों पर भी आरोप लगाया कि उनके फ्लैट में टाइल्‍स लगाने, कलर करवाने, किचन कंप्‍लीट कराने समेत कई अन्‍य का काम नहीं कराया जा रहा है।

इसके अलावा प्‍लॉट व फ्लैट के कब्‍जे रजिस्‍ट्री, अवैध निर्माण व अन्‍य मामले से जुड़े 57 आवंटियों ने प्रार्थना पत्र देकर राहत दिलाने की एलडीए के अफसरों व इंजीनियरों से आज गुहार लगायी। जिनमें से लगभग सभी को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।

चार गुमनाम मामले हुए निस्‍तारित

वहीं एलडीए के जनसंपर्क विभाग के अनुसार 57 में से चार मामलों का अधिकारियों ने मौके पर आज निस्‍तारण किया है। हालांकि एलडीए का जनसंपर्क विभाग यह नहीं बता सका कि निस्‍तारित होने वाले मामले किन आवंटियों व अधिकारियों से संबंधित थे।

जनता अदालत में एलडीए वीसी शिवाकांत द्विवेदी के अलावा एफसी राजीव कुमार सिंह, नजूद अधिकारी पंकज कुमार, ओएसडी संदीप कुमार श्रीवास्तव, डीके सिंह, राजीव कुमार, संयुक्‍त सचिव डीएम कटियार व अनुसचिव करन सिंह समेत सभी जोन के प्रभारी अधिशासी अभियंता व अन्‍य इंजीनियर, अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहें।