आरयू इम्पैक्ट,
लखनऊ। लंबे समय से राजधानी की धनी आबादी समेत शहर भर में अवैध निर्माण कराने के लिए बदनाम लखनऊ विकास प्राधिकरण को अब लगातार अवैध निर्माण नजर आने लगा है। यहीं वजह है कि कल आठ अवैध निर्माण पर कार्रवाई के बाद आज एक बार फिर प्रवर्तन दल ने आधा दर्जन अवैध निर्माणों को सील कर पुलिस अभिरक्षा में सौंप दिया है।
खास बात यह है कि हमेशा की तरह नाका, अमीनाबाद जैसी धनी आबादी और गोमतीनगर जैसी पार्श कालोनी से आंख फेरने वाले इंजीनियरों ने वहां भी कार्रवाई की है, हालांकि अभी और कार्रवाई करने की जरूरत है।
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एक दशक की सबसे बड़ी कार्रवाई
दो दिन में 14 अवैध निर्माण सील करने की एलडीए की कार्रवाई को संख्या के आधार पर पिछले एक दशक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है। यहां तक प्रवर्तन दल के इंजीनियरों को भी नहीं याद की उन्होंने कभी दो दिन में इतने अवैध निर्माण सील किए हो।
सिस गोमती क्षेत्र में आज सील किए गए छह अवैध निर्माण में एक नाका और दो अमीनाबाद में हैं, जबकि बाकी तीन अवैध निर्माण गोसाईंगंज इलाके में हो रहे थे।
बताते चले कि बीते 3 अप्रैल को ‘राजधानी अपडेट’ ने अवैध निर्माण पर एलडीए की दिखावटी कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए खबर पोस्ट की थी कि किस तरह से एलडीए के प्रर्वतन दल राजधानी के दूर-दराज इलाकों (सन्नाटे) में कार्रवाई कर रहे है, जबकि धनी आबादी में हो रहे अवैध निर्माणों से नजरें फेरे है।
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हमारे मुद्दा उठाने पर एलडीए उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह यादव ने पूरे शहर में हो रहे अवैध निर्माणों को 48 घंटे में बंद करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद एक्शन मोड में आए एलडीए के सिस और ट्रांस गोमती के प्रवर्तन दल ने बीते दस दिनों में सिर्फ धनी आबादी वाले इलाकों में चल रहे करीब एक दर्जन अवैध निर्माण पर लगाम लगाई है। लगभग इतने ही अवैध निर्माणों पर कार्रवाई राजधानी के अन्य क्षेत्रों में भी की गई है।
आज और कल की बात की जाए तो ट्रांस गोमती के प्रर्वतन प्रभारी अवनीन्द्र कुमार सिंह ने पांच जबकि सिस के प्रभारी एके सिंह ने अपनी टीम के साथ नौ अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की है।
इनके अवैध निर्माण पर हुई आज कार्रवाई
गोसांईगंज क्षेत्र में अनिल गुप्ता पुत्र हरिराम गुप्ता, इसरार पुत्र नौशाद अली, बुद्ध लाल जबकि अमीनाबाद रोड पर हरि बाबू, मुकेश अग्रवाल और नाका के सुभाष मार्ग पर मृदुल श्रीवास्तव अवैध निर्माण करा रहे थे। एलडीए ने सभी को सील कर पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया।
अवैध निर्माण के खिलाफ आगे भी कार्रवाई चलती रहेगी, शिकायत मिलने पर इंजीनियरों पर भी कार्रवाई की जाएगी। एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह यादव