आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के औद्यानिक के काम में एक बार फिर गड़बड़ी पकड़ी गयी है। बीती फरवरी में लखनऊ में आयोजित जी-20 के आयोजन के दौरान जी-20 रोड के किनारे लगाए गए पौधे सूख गए हैं। शनिवार को एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ इससे संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई, बल्कि ठेकेदार पर भी पांच लाख का जुर्माना लगाया है।
आज जी-20 रोड के निरीक्षण में उपाध्यक्ष को पता चला कि करीब 80 लाख रुपए खर्चकर जिन पेड़-पौधों को जी-20 रोड पर इसी साल जनवरी में लगाया गया था, उनमें से काफी पेड़ निराई-गोड़ाई नहीं होने के चलते सूख गए हैं, जबकि ठेकेदार मेसर्स देवेंद्र पाल सिंह को इन्हें लगाने के साथ ही देख-रेख भी करनी थी, जो नहीं किया गया। जिस पर नाराजगी जताते हुए वीसी ने ठेकेदार पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाने के साथ ही सात दिन में सभी कामों को सही कराने का निर्देश दिया है।
एक हफ्ते में रिपोर्ट दें चीफ इंजीनियर
इसके अलावा उपाध्यक्ष ने चीफ इंजीनियर एके सिंह को भी निर्देश दिया है कि एक हफ्ते बाद वह खुद जाकर जी- 20 रोड का निरीक्षण कर उन्हें रिपोर्ट दें। साथ ही यह भी कहा है कि फर्म अगर काम नहीं ठीक करती है तो उसका सभी भुगतान रोकते हुए ठेकेदार के खिलाफ आगे की कार्रवाई करें।
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बताते चलें कि उद्यान के काम में लगातार गड़बड़ी समाने आ रही है। इससे पहले बीते अक्टूबर में ही गोमतीनगर के 33 पार्कों के रख-रखाव के मामले में भी करोड़ों की गड़बड़ी मिली थी। इन 33 पार्कों में गोमतीनगर के वो 11 पार्क भी शामिल हैं, जिसके टेंडर के समय ही ठेकेदारों में मारपीट व मुकदमेंबाजी की नौबत आ गयी थी। इस दौरान एलडीए के उद्यान अधिकारी पर भी टेंडर में खेल करने का ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।
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जिसके बाद जांच की बात कहते हुए एलडीए के अधिकारियों ने पूरे मामले को ही दबा दिया था। वहीं 33 पार्कों में गड़बड़ी करने के मामले में दोषियों पर क्या कार्रवाई हुई यह भी एलडीए ने प्रेस नोट जारी कर नहीं बताया है। जानकारों का मानना है कि भ्रष्टाचार की जांच दबाने का मतलब नए घोटाले को प्रोत्साहन देने जैसा है।