आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ की सूरत संवारने व अवैध निर्माण पर लगाम लागने के लिए एलडीए वीसी द्वारा लागू किया गया जोनल सिस्टम कुछ शतिर जोनल अफसर व वसूली विशेषज्ञ इंजीनियरों के पैंतरों के सामने फेल होता नजर आ रहा। रविवार को गोमतीनगर विस्तार के वरदान खंड स्थित एक अवैध होटल में आग लगने के बाद यह बात एक बार फिर सामने आयी है।
आवासीय प्लॉट पर अवैध तरीके से बनाए गए चार मंजिला होटल ‘द लीफ’ में आज दोपहर संदिग्ध परिस्थितियों में आग लगने से हड़कंप मच गया। आग की लपटे व धुंआ देख कमरों में ठहरे यात्री किसी तरह गिरते-पड़ते भाग खड़े हुए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद आग बुझाया, हालांकि तब तक लाखों रुपये मूल्य के फर्नीचर, एसी, पर्दे व बिस्तर समेत अन्य सामान जलकर नष्ट हो चुके थे।
द लीफ होटल में आग लगने की घटना सामने आने के बाद आज एक बार फिर चारबाग के दो अवैध होटलों में सात बेगुनाहों की जान लेने वाले अग्निकांड की लोगों के जेहन में याद ताजा हो गयी। लोगों का मानना था कि चारबाग की तरह यहां भी आग दिन की जगह अगर भोर में लगी होती तो बड़ी जनहानि से इंकार नहीं किया जा सकता था।
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वहीं गोमतीनगर के होटल में आज लगी आग की तपिश और इस दौरान एसी में हुए हुए धमाके से होटल की खिड़की व दरवाजों में लगे शीशे चटक गए। धमका इतनी तेज था कि आसपास के लोग घरों से निकल आए। आग लगने से होटल में चीख-पुकार मच गई।
एफएसओ गोमतीनगर सुशील कुमार सिंह ने बताया कि दोपहर करीब ढाई बजे आग लगने की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड की गाडि़यों की सहायता से करीब घंटे भर की मेहनत से आग बुझा दी गयी थी। आग कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टतया लापरवाही के चलते आग लगने की बात सामने आ रही है। होटल के पास फायर एनओसी भी नहीं थी, इसके लिए नोटिस भी काटी गयी थी।
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इस संबंध में होटल में रुके वाराणसी निवासी एक पर्यटक ने कहा कि आग से उसके कमरे का सामान जल गया गई, सारे शीशे टूट गए, ऐसी जल गई। आग लगने पर हम लोगों को किसी ने बताया नहीं, कमरे में धुंआ भरा हुआ था बड़ी मुश्किल से हम लोग जान बचाकर बाहर भागे। होटल में रुके पर्यटक ने आधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि होटल के पास फायर एक्जिट व फायर एनओसी भी नहीं है ऐसे में हम लोगों की जान चली जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता।
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गोमतीनगर विस्तार थाना प्रभारी प्रशांत कुमार मिश्र ने मीडिया को बताया कि द लीफ होटल के संचालक ने दोपहर को होटल में आग लगने की सूचना दी। फस्ट फ्लोर स्थित किचन व कमरे के बीच बनी गैलरी में रखे गद्दों में आग लगी थी। जिससे वहां रखे फर्नीचर और एसी तक आग पहुंच गई। आग से होटल में लगे कांच के खिड़की दरवाजे धमाके के साथ टूट गए।
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दमकल की एक गाड़ी ने आग को बुझा लिया। एहतियात के तौर पर होटल को खाली कराया लिया गया। प्रारंभिक जांच में किसी कर्मचारी या गेस्ट के गद्दों पर जलती सिगरेट डालने से आग लगने की बात सामने आ रही। आग से किसी को शारीरिक चोट लगने की बात सामने नहीं आई। समय रहते आग पर काबू पा लेने से बड़ी घटना होने से टल गई। आग लगने के सही कारणों का पता लगाया जा रहा है।
चार साल से चल रहा अवैध होटल, नोटिस से आगे नहीं बढ़ी एलडीए की कार्रवाई
दूसरी ओर गोमतीनगर विस्तार के लोगों का कहना था कि करीब चार साल पहले आवासीय प्लॉट पर बनाए गए चार मंजिला इस अवैध होटल को एलडीए के भ्रष्ट अधिकारी व इंजीनियर लगातार संरक्षण देकर बचा रहें हैं। पिछले साल होटल का शमन करने के नाम पर इसे बचाया गया। इसके बाद बीते 27 अगस्त को भी खानापूर्ति के लिए होटल का नोटिस काटा गया, लेकिन लैंड यूज के विरूद्ध पूरा तरह से अवैध तरीके से बनाए गए इस होटल पर एलडीए सीलिंग व ध्वस्तीकरण जैसी कार्रवाई नहीं कर रहा है।
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वहीं इस बारे में जोन एक के एई अजय गोयल का कहना है कि नोटिस काटने के बाद होटल पर आगे की कार्रवाई की जानी थी, लेकिन पूर्व में वीवीआइपी का कार्यक्रम लगा होने के चलते पुलिस फोर्स एलडीए को नहीं मिलने के चलते अभी आगे कार्रवाई नहीं की जा सकी।