आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बसपा सांसद व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी मंगलवार को एक बार फिर गोमतीनगर स्थित लखनऊ विकास प्राधिरकण पहुंचे थे। हजरतगंज के डालीबाग स्थित पत्नी फरहत अंसारी के बंगले की सुनवाई के मामले में आज अफजाल के साथ उनकी दो बेटियां भी थीं।
आज पूर्वान्ह एलडीए पहुंचे अफजाल अंसारी ने उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी के सामने अपना पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने करीब सात हजार वर्ग फिट में बनें बंगले से जुड़े विभिन्न विभागों के कागजात दिखाते हुए एक बार फिर अपने बंगले को वैध बताया। करीब सवा घंटे तक चली इस सुनवाई के दौरान प्रवर्तन जोन छह व तीन के प्रभारी कमलजीत सिंह भी मौजूद रहें।
बसपा सांसद की ओर से इस मामले में कहा गया है डालीबाग स्थित उनकी पत्नी का मकान निष्क्रांत संपत्ति बताए जा रहे गाटा संख्या 93 पर नहीं है। यह मकान गाटा संख्या 104 पर बना है, जिसका निष्क्रांत संपत्ति से कोई मतलब नहीं है। मकान निर्माण के लिए उन्होंने सभी सरकारी विभागीय प्रक्रिया को पूरा किया है। एलडीए से नक्शा पास कराने के साथ ही अन्य विभागों से भी एनओसी ली गयी थी, इसके अलावा जमीन का क्रय भी कानूनी तरीके से किया गया था। हालांकि बसपा सांसद के तर्कों व प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों से एलडीए कितना संतुष्ट हो पाएगा यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, फिलहाल बेहद हाई प्रोफाइल व सरकार से जुड़े इस मामले में एलडीए के अफसर व इंजीनयर बोलने से पूरी तरह से कतरा रहें हैं।
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वहीं बसपा सांसद भी इस मामले में ज्यादा कुछ बोलने से आज बचते नजर आएं। हालांकि एलडीए में सुनवाई के बाद पत्रकारों के कई बार सवाल करने पर अफजाल अंसारी ने कहा कि देश में संविधान और कानून है जिसपर उन्हें पूरा भरोसा है। मकान के बारे में उन्होंने कहा है कि कानूनी प्रक्रिया चल रही है बाकी आप एलडीए से पूछिये।
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साथ ही आज अफजाल अंसारी ने इस मामले में मीडिया की भूमिका पर भी नाराजगी जाहिर की। बसपा सांसद ने एक न्यूज चैनल द्वारा उनके मामले में पक्षपात किए जाने की ओर इशारा करते हुए पत्रकार से कहा कि आप एकतरफा चलाते रहिये। खास बात यह भी रही कि पत्रकारों से बेहद संक्षिप्त बातचीत में अफजाल अंसारी ने भले ही मीडिया के प्रति नाराजगी जताई हो, लेकिन उन्होंने सरकार व एलडीए के विरोध में लगभग खामोशी बनाए रखी।
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तीन दिन में स्थानीय इंजीनियर की तैनाती हुई निरस्त
दूसरी ओर अफजाल अंसारी के मामले की सुनवाई के बाद आज तीन दिन पहले ही जोन छह से एक में भेजे गए जूनियर इंजीनियर सुशील वर्मा की तैनाती को निरस्त कर दिया गया। सुशील वर्मा को एक बार फिर जोन छह में तैनात किया गया है। सुशील तीन दिन पहले तक जोन छह के हजरतगंज व डालीबाग के उसी क्षेत्र के अवैध निर्माण पर नजर रखते थे, जहां अफजाल अंसारी की पत्नी के बंगले के अलावा मुख्तार अंसारी के बेटों के दोनों मकान स्थित थे।