आरयू ब्यूरो, लखनऊ। गोमतीनगर के विपिन खंड स्थित लखनऊ विकास प्राधिकरण कार्यालय में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब एक कर्मचारी मंजीत पांडेय की एकाएक तबियत बिगड़ गयी। हालत गंभीर होती देख साथियों ने एलडीए में तैनात डॉक्टर की तलाश की, लेकिन वह नदारद मिलें। जिसके बाद लोगों ने कर्मी को एंबुलेंस की सहायता से सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने मंजीत को मृत घोषित कर दिया।
मंजीत की मौत की जानकारी लगते ही उनके परिजनों में कोहराम मच गया है। रोते-बिलखते अस्पताल पहुंची पत्नी-बेटी व अन्य रिश्तेदारों को एकबारगी यकीन ही नहीं हो रहा था कि कुछ घंटे पहले एलडीए जाने की बात कहकर घर से निकले मंजीत की मौत हो चुकी है।
दूसरी ओर मिलनसार स्वभाव के साथी की मौत से एलडीए कर्मियों में अपने ही विभाग की बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति भी गुस्सा है। कर्मियों का मानना था कि अगर समय रहते मंजीत को एलडीए में ही प्राथमिक उपचार मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थीं। साथी की मौत से गमगीन एलडीए कर्मी कार्यालय की व्यवस्था को देखते हुए अपनी सेहत को लेकर भी चिंतित दिखे।
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मिली जानकारी के अनुसार कॉमर्शियल सेल में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मी मंजीत पांडेय (52 वर्ष) एलडीए की नई बिल्डिंग की पांचवे तल पर आज अपरान्ह करीब 12 बजे बैठे थे। इस बीच मंजीत को सांस लेने में दिक्कत शुरू हुई तो वहां मौजूद सहकर्मियों ने उन्हें संभालने की कोशिश की, लेकिन हाल बिगड़ने पर लोग भागते हुए पुरानी बिल्डिंग के भूतल स्थित एलडीए में तैनात डॉक्टर बीबी मिश्रा के कमरे में पहुंचे, लेकिन डॉक्टर वहां नहीं मिले। इस बीच मंजीत बेहोश हो गए लोगों ने हॉर्ट अटैक की आशंका जताते हुए सीपीआर भी देने की कोशिश की, लेकिन उन्हें होश नहीं आया। सूचना मिलने पर सिविल अस्पताल से एलडीए पहुंची एंबुलेंस ने मंजीत को सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक करीब एक घंटे का समय बीत चुका था और मंजीत की सांसें भी थम चुकी थी। कुछ ही देर में डॉक्टरों ने भी जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सैलरी लेने से बिल पास करने तक सीमित एलडीए के डॉक्टर!
मंजीत की एकाएक मौत से नाराज आज एलडीए कर्मियों ने प्राधिकरण की व्यवस्था के प्रति नाराजगी जाहिर की। कर्मचारियों के अनुसार एलडीए में तैनात डॉक्टर बस हर महीने करीब 50 हजार रुपए सैलरी लेने व कर्मचारियों की जांच-दवा की बिल ही पास करने तक सीमित हैं। उनके बैठने की टाइमिंग भी तय नहीं है।
दूसरे विभागों की जमीन खाली कराने में व्यस्त अफसरों के पास शोक जताने का भी समय नहीं
अपने मातहत की एकाएक हुई मौत के बाद भी एलडीए वीसी समेत तमाम छोटे-बड़े अफसर आज भी अकबरनगर में अवैध कब्जों को जमीदोज कराकर नगर निगम व सिंचाई विभाग की जमीन खाली कराने के लिए सुबह छह बजे से रात तक लगे रहें। छोटी-छोटी उपलब्धियों पर किसी राजनीतिक दल की तरह बड़े-बड़े बयान वाली प्रेस विज्ञप्ति जारी कराने वाले अधिकारियों ने आज कार्यालय के अंदर ही हुई अपने मातहत की आकस्मिक मौत पर न सिर्फ मंथन, बल्कि शोक संवेदना भी व्यक्त करना जरूरी नहीं समझा। इसको लेकर भी कर्मचारियों में नाराजगी है।
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कर्मचारी संगठन उठाएगा मांग
वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण कर्मचारी संगठन ने मंजीत पांडेय की मौत पर शोक जताया है। संगठन के महामंत्री ध्रुव मल्होत्रा ने कहा है कि कोरोनाकाल के बाद के हालात को देखते हुए एलडीए में कर्मचारियों के प्राथमिक उपचार के लिए व्यापक प्रबंध किए जाने की मांग एलडीए वीसी के सामने रखी जाएगी। जिससे कि भविष्य में इस तरह की घटना फिर न हो।
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इस बारे में पता किया जाएगा कि डॉक्टर अपने कमरे में क्यों नहीं थे। साथ ही कर्मियों के प्राथमिक उपचार व्यवस्था को और ठीक करने के लिए एलडीए को जो भी जरूरी लगेगा वह कदम उठाएगा। ज्ञानेंद्र वर्मा, अपर सचिव एलडीए