आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ में हो रहे अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी प्रयासरत हैं, लेकिन इसके बावजूद अवैध निर्माण की रोकथाम के लिए गठित एलडीए प्रवर्तन के ही कुछ अधिशासी अभियंता रोकने से ज्यादा अवैध निर्माण कराने में लिप्त है। एलडीए की कार्यप्रणाली व आलाधिकारियों की क्षमता पर सवालिया निशान लगाने वाले इस काम में वह अपनी टीम के ही जेई व सुपरवाइजरों का सहारा ले रहें हैं। कुछ एक्सईएन की इन पैंतरेबाजियों को समझते हुए एलडीए उपाध्यक्ष ने अब उनपर फॉर्मेट वाले शिकंजे से लगाम कसने के लिए कदम उठाया है।
मंगलवार को उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन जोन के प्रभारी अधिशासी अभियंताओं व विहित प्राधिकारियों के साथ करीब चार घंटे लंबी बैठक कर स्पष्ट किया कि अवैध निर्माण पर हर हाल में अंकुश लगाना ही होगा। साथ ही वीसी ने आज अवैध निर्माणों की सीलिंग व ध्वस्तीकरण की जानकारी स्पष्ट रुप से जारी करने के लिए फॉर्मेट भी तैयार कराए हैं, जिसके तहत अब अधिशासी अभियंताओं को लिखित में यह बताना होगा कि अप्रैल 2018 से अब तक उनके क्षेत्र में कितनी बिल्डिंगों पर ध्वस्तीकरण व सीलिंग की कार्रवाई कब-कब की गयी है और वर्तमान में उनकी स्थिति क्या है।
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इसके अलावा कौन-कौन से अवैध निर्माण पर सीलिंग, ध्वस्तीकरण व एफआइआर की कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है। अगली बैठक में अपने क्षेत्र के अवैध निर्माणों से संबंधित सभी जानकारी फॉर्मेट के जरिए देने के साथ ही प्रमाणिकता के लिए अधिशासी अभियंता के साथ ही संबंधित विहित प्राधिकारी को भी प्रारूप पर हस्ताक्षर करने होंगे, जिससे कि भविष्य में गड़बड़ी पकड़े जाने पर संबंधित की जावबदेही तय की जा सके।
नर्सिंग होम, अस्पताल व कॉमर्शियल बिल्डिंगों से खाली कराएं पार्किंग
वहीं आज उपाध्यक्ष ने बैठक में यह भी कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहां से शहर में लगभग 1900 नर्सिंग होम व हॉस्पिटल रजिस्टर्ड हैं। इंजीनियर इन नर्सिंग होम, हॉस्पिटल व क्लीनिकों का सर्वे कर सुनिश्चित कराये कि स्वीकृत मानचित्र के अनुसार ही मौके पर निर्माण हुआ है या नहीं। इसके अलावा ही यह भी देखे कि इनमें नियमानुसार पार्किंग की जगह छूटी है या नहीं। साथ ही अन्य कॉमर्शियल बिल्डिंगें में भी चेकिंग कर पार्किंग की जगह छूटी नहीं होने पर उन्हें पार्किंग के लिए खाली कराकर रिर्पोट दें।
साफ्टवेयर के जरिए होगी अवैध निर्माणों पर कार्रवाई
बैठक में वीसी ने अवैध निर्माण की कार्रवाई में पादर्शिता लाने के लिए तैयार कराए जा रहे सॉफ्टवेयर की समीक्षा कर निर्देश देते हुए कहा कि एलडीए सचिव की निगरानी में इस सॉफ्टवेयर को फाइनल कर अगले हफ्ते होने वाली बैठक में प्रजेंटेशन दिया जाये, जिससे कि इस पर काम शुरू करने के लिए अवर अभियंताओं को भी इसकी ट्रेनिंग दिलाकर अवैध निर्माण पर सॉफ्टवेयर के जरिए कार्रवाई शुरू की जा सके।
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यह बताते चलें अवैध निर्माण पर ऑफलाइन कागजी कार्रवाई होने के चलते कई बार सामने आता है कि भवनों की फाइलें की गायब कर दी गयी हैं, जबकि अकसर यह भी देखने-सुनने को मिलता है कि नोटिस काटने से लेकर ध्वस्तीकरण का आदेश होने के बीच ही अवैध बिल्डिंग न सिर्फ बनकर खड़ी हो गयी, जबकि उसका इस्तेमाल भी शुरू कर दिया गया है। ऐसे में अवैध बिल्डिंग पर कार्रवाई एलडीए के लिए टेढ़ी खीर साबित होती है। समझा जा रहा है कि सॉफ्टवेयर के जरिए कागजी कार्रवाई होने से इंजीनियर, विहित प्राधिकारी व उनकी कोर्ट में तैनात कर्मी अवैध निर्माण को अधिक समय तक कार्रवाई को लटका नहीं पाएंगे।
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बैठक में वीसी के अलावा एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार, विहित प्राधिकारी अमित राठौर, राम शंकर व डीके सिंह के अलावा प्रवर्तन के सात जोन के प्राभारी अधिशासी अभियंता व अन्य इंजीनियर मौजूद रहें।