आरयू वेब टीम। देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआइसी की लिस्टिंग मंगलवार को बेहद फीकी रही। बीएसई पर कंपनी का स्टॉक मंगलवार को 8.62 फीसदी और एनएसई पर 8.11 फीसदी के डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ। लिस्टिंग के समय इश्यू प्राइस से आठ फीसदी से ज्यादा गिरावट की वजह से कंपनी का मार्केट कैप घटकर 5.57 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। इश्यू प्राइस से कैलकुलेट करने पर कंपनी का कुल मार्केट कैप छह लाख करोड़ रुपये के आसपास बैठ रहा था। इससे कुछ मिनटों में ही निवेशकों के 42,500 करोड़ रुपये डूब गए।
लिस्टिंग के साथ ही इन कंपनियों से ज्यादा मार्केट कैप एआइसी के शेयरों की लिस्टिंग दस बजे हुई। लिस्टिंग के पहले कुछ मिनटों में ही स्टॉक का मार्केट कैप 5,57,675.05 करोड़ रुपये हो गया। यह हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के 5.33 लाख करोड़ रुपये, आइसीआइसीआइ बैंक के 4.85 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप से ज्यादा है, हालांकि यह इंफोसिस के 6.36 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप से थोड़ा कम है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेमांग जानी ने बताया, “आकर्षक वैल्यूएशन और मार्केट में स्टैबिलिटी के बावजूद एलआइसी की लिस्टिंग 949 रुपये के इश्यू प्राइस के काफी नीचे हुई, लेकिन हम रिटेल और इंस्टीच्युशनल इंवेस्टर्स दोनों कैटेगरी में लिवाली की उम्मीद कर रहे हैं।”
लिस्टिंग के कुछ देर बाद स्टॉक थोड़ा संभलता हुआ नजर आया। एलआईसी के स्टॉक पर 4.55 फीसदी की गिरावट के साथ 905.85 रुपये के स्तर पर कारोबार हो रहा था। कंपनी का मार्केट कैप भी सुधार के साथ 5,77,282.54 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पहले मैक्वेरी ने ‘न्यूट्रल’ रेटिंग के साथ स्टॉक की कवरेज शुरू की। मैक्वेरी ने कहा कि एलआईसी के ब्रांड वैल्यू और डिस्ट्रिब्यूशन फ्रेंचाइजी की कोई तुलना नहीं है।
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एलआइसी आइपीओ का निवेशकों को लंबे समय से इंतजार था। सरकार ने इस साल मार्च में आईपीओ लाने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन रूस-यूक्रेन की जंग की वजह से मार्केट में अनुकूल माहौल नहीं होने के कारण कंपनी की लिस्टिंग टाल दी गई थी। इसके बाद सरकार ने मई में आईपीओ लाने का ऐलान किया। यह आईपीओ चार मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला और इसे सब्सक्राइब करने की आखिरी तारीख नौ मई थी। इस आईपीओ को कुल 2.95 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल हुआ।