आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते साप्ताहिक लॉकडाउन के बीच रविवार को दसवीं मोहर्रम के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घरों में रहकर कर्बला के शहीदों को पुरसा पेश किया। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब दसवीं मोहर्रम पर पुराने लखनऊ की कर्बलाओं के गेट पर ताले बंद थे। हर साल तिल रखने भर की जगाह खाली नहीं रहने वाली सड़कें आज दिन भर सूनीं रहीं।
वहीं पुलिस पीएसीए, आरएएफ व अन्य सुरक्षाबलों के दस्ते खासकर पुराने लखनऊ के मुस्लिम बहुल इलाके में अपनी नजर गड़ाए रहें। पुलिस के चप्पे–चप्पे पर मुस्तैद रहने के साथ ही ड्रोन से भी नजर रखी जा रही थी।
लखनऊ पुलिस के आलाधिकारी भी सड़कों पर उतरकर लगातार चक्रमण कर रहे थे। अकबरी गेट समेत दरगाह जाने वाले अन्य रास्तों पर बैरिकेडिंग कर पुलिस के दस्ते खास मुस्तैद रहें। हालांकि आज एक बार फिर मुस्लिम समाज ने लखनऊ की तहजीब पेश करते हुए घरों में दसवीं मोहर्रम का गम मनाया।
अजादारों ने घरों में रहकर ही मजलिस-मातम कर कर्बला के शहीदों को खिराज-ए-अकीदत पेश की। इसी बीच कर्बला तालकटोरा, कर्बला पुत्तन साहिबा, रौजा-ए-काजमैन, कर्बला दियानतुद्दौला बहादुर, दरगाह अब्बासबाग सहित अन्य कर्बला का गेट बंद होने के बावजूद भी आशूर का दिन शांतिपूर्ण रहा।
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मोहर्रम को लेकर पूरे लखनऊ से दिनभर में कोई भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। जिसके बाद रविवार रात राजधानी लखनऊ की पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली।