लव जिहाद, SC-ST के धर्म परिवर्तन पर आजीवन कारावास वाला बिल सदन में पेश

योगी आदित्‍यनाथ
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को यूपी में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया गया। जिसके तहत यूपी में लव जिहाद, एससी-एसटी के धर्म परिवर्तन के मामले में अब उम्रकैद की सजा हो सकती है। इस विधेयक में पहले से परिभाषित अपराधों में सजा जहां दोगुनी तक बढ़ा दी गई है, वहीं नए अपराध भी शामिल किए गए हैं जिसमें ताउम्र जेल का प्रावधान है।

ऐसे में अब यूपी में लव जेहाद में आजीवन कारावास तक की सजा दिए जाने के प्रस्ताव वाला संशोधित विधेयक सदन में पेश किया गया। योगी सरकार ने 2021 में ही उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को सदन में पारित करा दिया था इसके बाद सोमवार को संशोधित विधेयक पेश किया गया है। अभी जो संशोधन वाला विधेयक पेश किया गया है वह दो अगस्त को संभवतः ध्वनि मत से विधानसभा में पास हो सकता है। इस नए संशोधित विधेयक में पहली बार इन अपराधों में आजीवन कारावास तक की सजा दिए जाने का प्रस्ताव है।

विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी इस कानून के तहत अपराध के दायरे में लाया गया है। इसमें विदेशी संस्थाओं या किसी भी अवैध संस्था से हुई फंडिंग भी शामिल है। अगर कोई धर्म बदलावाने की नीयत से किसी व्यक्ति को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है, हमला, बल प्रयोग या शादी करने का वादा करता है या इसके लिए षड्यंत्र करता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना होगा।

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कोर्ट पीड़ित के इलाज के खर्च और पुनर्वास के लिए न्यायोचित धनराशि जुर्माने के रूप में तय कर सकेगी। सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की गरिमा व सामाजिक स्थिति, महिला, एससी-एसटी आदि का अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए यह महसूस किया गया कि सजा व जुर्माना और कड़ा करने की जरूरत है। इसलिए, यह विधेयक लाया जा रहा है।

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