आरयू ब्यूरो, लखनऊ। रिश्वत मांगने व आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में फरार चल रहे 2014 बैच के आइपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार ने सरेंडर कर दिया है। दो साल से फरार रहे पाटीदार ने शनिवार को पुलिस को चकमा देते हुए लखनऊ में एडीजे 9 की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज लोकेश वरुण ने मणिलाल को न्यायिक हिरासत में 17 अक्टूबर तक के लिए जेल भेज दिया है।
पाटीदार महोबा के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे तब उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने महोबा के एक खनन व्यापारी से छह लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, बाद व्यपारी की भी गोली लगने से मौत हो गयी थी। उन्हें नौ सितंबर 2020 को निलंबित किया गया था तब से वह फरार थे।
एसआईटी ने उन्हें व्यापारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया था। उन पर महोबा कोतवाली और विजिलेंस में मुकदमा दर्ज किया गया था। फरार होने के बाद एडीजी जोन प्रयागराज ने पाटीदार पर एक लाख रुपये का ईनाम रखा था।
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बताते चलें कि महोबा के खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने सात सितंबर 2020 को वीडियो वायरल कर पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए थे। इंद्रकांत त्रिपाठी को नौ सितंबर 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी और 14 सितंबर को कानपुर के अस्पताल में मौत हो गयी थी।
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प्रदेश सरकार ने तत्कालीन आईजी वाराणसी विजय सिंह मीणा की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन कर जांच के लिए महोबा भेजा था। बार-बार बुलाए जाने के बाद भी पाटीदार एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए थे। एसआईटी ने अपनी जांच में पाटीदार को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी माना था।