योगी सरकार की 24 घंटे में दूसरी बड़ी कार्रवाई, भ्रष्‍टाचार के आरोप में SP महोबा को भी किया निलंबित

मणिलाल पाटीदार सरेंडर
मणिलाल पाटीदार। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। भ्रष्‍टाचार के मामले में विपक्ष के हमले झेल रही योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। योगी सरकार ने 24 घंटे में दूसरे आइपीएस अफसर को निलंबत कर दिया है। मंगलवार को प्रयागराज एसएसपी पर गाज गिरने के बाद अब एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड किया गया है। उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं।

मणिलाल पाटीदार पर आरोप है कि उन्होंने गिट्टी परिवहन में लगी गाड़ियों के चलाये जाने के लिए अवैध रूप से धन की मांग की थी, जिसे पूरा न किए जाने पर गाड़ियों के मालिक का उत्पीड़न किया गया। गृह विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि महोबा एसपी के कृत्य से आम जनमानस में पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है।

मणिलाल पाटीदार अखिल भारतीय सेवा के साथ-साथ एक अनुशासित बल के सदस्य भी हैं। उनके इस कार्य से पुलिस की छवि धूमिल होने के साथ-साथ जनपद में स्वच्छ प्रशासन पर भी आंच आई है और सरकार की विश्वसनीयता पर भी प्रश्‍न चिन्ह लगा है। मणिलाल पाटीदार निलंब अवधि में पुलिस महानिदेशक, कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे।

यह भी पढ़ें- भ्रष्टाचार व मनमानी के मामले में सीएम योगी की बड़ी कार्रवाई, SSP प्रयागराज को किया निलंबित

बता दें कि इससे पहले प्रयागराज एसएसपी रहे अभिषेक दीक्षित को मंगलवार को ही तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया था। उन पर अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था में शिथिलता व भ्रष्टाचार आदि के गंभीर आरोप हैं. गृह विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अभिषेक दीक्षित द्वारा प्रयागराज एसएसपी के रूप में तैनाती की अवधि में अनियमितताएं बरतने और शासन के निर्देशों का अनुपालन सही ढंग से नहीं किए जाने का आरोप है। उन पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का भी गंभीर आरोप है।

अभिषेक दीक्षित प्रयागराज में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी फेल साबित हुए। शासन एवं मुख्यालय के निर्देशों के अनुरूप नियमित रूप से फूट पेट्रोलिंग किए जाने और बैंकों तथा आर्थिक व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही बाइकर्स गैंग की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम में भी एसएसपी की कार्रवाई ना के बराबर रही, जिले में चेकिंग व पर्यवेक्षण का काम भी सही ढंग से नहीं किया गया। प्रयागराज में पिछले तीन माह में लंबित विवेचनाओं में भी निरंतर वृद्धि हुई।

यह भी पढ़ें- कुलदीप सेंगर रेपकांड: CBI ने एक IAS समेत दो IPS को भी माना दोषी, तीनों महिला अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश