आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मथुरा में अनुसूचित जाति की लड़की के साथ हुई घटना और भीम आर्मी प्रमुख व सांसद चंद्रशेखर आजाद पर हमले पर आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने हजरतगंज, विधानसभा मार्ग सहित कई इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन कई कार्यकर्ता बैरिकेड्स तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे, जिसके बाद पुलिस ने हल बल प्रयोग कर कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
सोमवार दोपहर प्रदर्शनकारी परिवर्तन चौक से विधानसभा मार्ग की ओर बढ़ने लगे। सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और नारेबाजी करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
वहीं आजाद समाज पार्टी के नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना सभी नागरिकों का अधिकार है, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की है। चंद्रशेखर आजाद ने पोस्ट करते हुए कहा, “हम न्याय के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार हमें दबाने की कोशिश कर रही है। मथुरा में हुई घटना को लेकर हम जवाब चाहते हैं, लेकिन हमें बोलने तक नहीं दिया जा रहा।”
इस संबंध में पुलिस प्रशासन का कहना है कि जिन लोगों ने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं की पहचान कर ली है और उन पर मामला दर्ज किया जा सकता है। डीसीपी सेंट्रल अपर्णा कौशिक ने कहा, “जो भी लोग हिंसा या कानून तोड़ने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी शहर की शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
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दरअसल चारबाग, चौक, परिवर्तन चौक और हजरतगंज इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर बैरिकेडिंग की गई थी, जिससे कार्यकर्ताओं को विधानसभा मार्ग की ओर बढ़ने से रोका जा सके। पुलिस ने रविवार रात से कई आसपा और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था, ताकि वे सोमवार को बड़े स्तर पर प्रदर्शन न कर सकें। विधानसभा मार्ग पर पहले से ही पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। पुलिस के अलावा आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स), पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और आरआरएफ (रिजर्व पुलिस फोर्स) के जवान भी तैनात किए गए थे।