प्रदेशभर के कोटेदारों ने जवाहर भवन का घेराव कर किया प्रदर्शन, उठाई कमीशन बढ़ाने की मांग

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प्रदर्शन करते कोटादार। (फोटो-आरयू)

आरयू ब्यूरो लखनऊ। अपनी मांगे पूरी न होने से प्रदेशभर से आए कोटेदारों ने आदर्श कोटेदार एवं उपभोक्ता वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले जवाहर भवन का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। नाराजगी जाहिर करते हुए कोटेदारों ने इस दौरान योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक उन्हें लिखित में आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक वे सड़क खाली नहीं करेंगे। स्थिति को देखते हुए, बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।

वहीं प्रदर्शनकारियों ने जवाहर भवन के सामने हजरतगंज चौराहे की तरफ जाने वाली पूरी सड़क को ब्लॉक कर दिया है। कोटेदार लगातार नारेबाजी कर सड़को पर बैठे रहे। संगठन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र पटेल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी ये लड़ाई 20 सितंबर, 2023 से लगातार जारी है। अपने आंदोलन को मजबूती देने के लिए अलीगढ़ से ‘जनजागरण रथ यात्रा’ भी निकाली गई थी, जिसने कासगंज, एटा, हाथरस, आगरा, इटावा, औरैया, कन्नौज, हरदोई और लखनऊ समेत कई जिलों का भ्रमण किया, लेकिन सरकार ने उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया।

वहीं अपनी मुख्य मांगों पर जोर देते हुए बताया कि 30 सितंबर, 2023 को इको गार्डन लखनऊ में ‘कोटेदार एवं उपभोक्ता जन जागरण सम्मेलन’ आयोजित किया गया था। उस समय खाद्य आयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कमीशन 200 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग की गई थी। तत्कालीन अपर आयुक्त खाद्य ने सम्मेलन में कोटेदारों की मांगें पूरी करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है।

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कोटेदारों ने ये भी बताया कि वे पिछले दस सालों से मानदेय (वेतन) की मांग कर रहे हैं। कोटेदार पूरे प्रदेश में जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने का महत्वपूर्ण काम करते हैं, लेकिन उनकी खुद की जरूरतों को अनदेखा किया जा रहा है। फिलहाल उन्हें प्रति क्विंटल केवल 90 रुपये कमीशन मिलता है, जो परिवार का पेट पालने के लिए बहुत कम है। इसी में राशन की लोडिंग-अनलोडिंग का खर्चा भी शामिल होता है। कोटेदारों का दर्द है कि वे हर घर राशन पहुंचाने का जिम्मा उठाते हैं, लेकिन अपने परिवार की रोटी के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है।

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