आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लखनऊ एवं खीरी लखीमपुर खीरी दौरे से पहले उनके और प्रियंका गांधी के खिलाफ बैनर लगाए गए हैं। ये बैनर लखनऊ में लगे हैं। कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ये बैनर एक सिख संगठन की ओर से लगाए गए हैं। बैनर में लिखा है कि ‘नहीं चाहिए फर्जी सहानुभूति’, साथ ही लिखा है कि जिन लोगों ने 1984 का कत्लेआम किया उनका साथ नहीं चाहिए।
गुरुनानक वाटिका कमेटी की ओर से लगाए गए इस बैनर में यह भी लिखा है कि हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं, दंगाईयों का साथ नहीं चाहिए।
वहीं साहिब श्री गोविंद सिंह सेवा समिति के अध्यक्ष सरदार त्रिलोकन सिंह की तरफ से जारी बैनर में लिखा गया कि- नहीं चाहिए फर्जी सहानुभूति। 1984 के दंगों के जिम्मेदारों से लखीमपुर के किसानों तो सहानुभूति नहीं चाहिए, जबकि दसमेश सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष सतपाल सिंह मीत की तरफ से जारी बैनर में लिखा गया है 1984 के सिखों के नरसंहार के जिम्मेदार आज सिक्खों के जख्मों पर नमक न डालें।
दूसरी ओर लखनऊ के लिए रवाना होने से पहले राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों पर व्यवस्थित तरीके से हमले कर रही है। उन्होंने कहा कि वह लखीमपुर जाकर जमीनी वास्तविकता समझना चाहते हैं, इसलिए वह लखनऊ जा रहे हैं। राहुल ने कहा कि सरकार अन्य दलों को वहां जाने दे रही लेकिन उन्हें रोक रही है। धारा 144 पांच से अधिक लोगों पर लागू होती है। हम लखीमपुर खीरी जाकर सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं।
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गौरतलब है कि प्रियंका की ओर से मंगलवार शाम जारी एक बयान में कहा गया, ‘चार अक्टूबर को सुबह करीब साढ़े चार बजे पुलिस उपाधीक्षक के कथनानुसार मुझे धारा 151 के तहत हिरासत में ले लिया गया।’उन्होंने दावा किया कि ”जिस समय मुझे हिरासत में लिया गया, उस समय मैं लखीमपुर खीरी जिले की सीमा से 20 किलोमीटर पहले सीतापुर में थी और उस समय लखीमपुर खीरी में धारा 144 लगी थी लेकिन सीतापुर जिले में धारा 144 नहीं लगी थी।’ कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, ”वैसे भी मैं दो कांग्रेस कार्यकर्ताओं और दीपेंद्र हुड्डा और संदीप सिंह के साथ एक गाड़ी में जा रही थी। चार लोगों के अलावा न तो मेरे साथ सुरक्षा दस्ते की गाड़ी थी और न ही कोई अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे साथ।