आरयू ब्यूरो,लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशी राम की पुण्यतिथि पर शनिवार को यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांशी राम स्मारक स्थल में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए विरोधियों पर जमकर हमला बोला। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस-सपा और भाजपा में रत्तीभर दम नहीं है। भाजपा, कांग्रेस, सपा व आप वोट के लिए जनता से वादे कर रही हैं जो हवा-हवाई है। विरोधी पार्टियां चुनावी घोषणा पत्रों में प्रलोभन भरे चुनावी वादे करने वाली हैं।
मायावती ने कहा कि प्रदेश में 2007 में बसपा की बहुमत की सरकार थी। हमने उत्तर प्रदेश को बेहतरीन कानून-व्यवस्था दी थी। साथ ही कहा कि मेरी उत्तर प्रदेश की जनता से अपील है कि भाजपा के पक्ष में मतदान कर अपना वोट खराब न करें।
हमारी सरकार बनने पर इस बार सबसे ज्यादा जोर यहां के गरीब और बेरोजगार नौजवानों को रोटी रोजी के साधन उपलब्ध कराने पर होगा। इस बार यही हमारी पार्टी का मुख्य चुनावी मुद्दा भी होगा। केंद्र और राज्य की जो भी योजनाएं चल रही हैं उन्हें बदले की भावना से रोका नहीं जाएगा।
बदले की भावना से नहीं रोकीं जायेगी योजना
बसपा प्रमुख ने कहा, ”प्रदेश के विकास और जनहित में केंद्र व राज्य की अभी तक जो भी सही योजनायें चल रही हैं, उन्हें विरोधी पार्टियों की तरह बदले की भावना से रोका नहीं जाएगा और सपा व भाजपा सरकार की तरह दूसरी सरकार के किये गये कार्यों के नाम बदलने का नाटक भी नहीं किया जायेगा । प्रदेश में सपा व भाजपा सरकार के सभी कार्यों की इमानदारी से समीक्षा की जायेगी, जो कार्य सही व जनहित में हैं उन्हें जरूर आगे बढ़ाया जायेगा।’’
किसानों पर जुल्म इतना बढ़ गया…
मायावती ने विरोधियों पर हमला जारी रखते हुए कहा कि विपक्षी दल हिंदू मुस्लिम सांप्रदायिक रंग देकर राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास करेंगे, लेकिन इससे सजग रहना है। अब सरकार में आंदोलित किसानों पर जुल्म इतना बढ़ गया है की अति हो गई है। लखीमपुर खीरी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
निर्माण नहीं पहले करेंगे सुधार
साथ ही मायावती ने कहा कि ”सत्ता में आने पर पहले नये अस्पताल, मेडिकल कालेज एवं शिक्षण संस्थान आदि नहीं बनायें जायेंगे बल्कि पहले से जो बने हैं, उन्हें सुधारा जायेगा । इसी प्रकार राज्य की पुरानी सड़कों और पुलों आदि को ठीक किया जाएगा ताकि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हो।
वहीं बसपा सुप्रीमो ने यह भी कहा वह किसी भी चुनाव से छह महीने पहले मीडिया और अन्य एजेंसियों के सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग करेंगी ताकि चुनावों पर इन सर्वेक्षणों का कोई असर नहीं पड़े। जनसभा में बसपा राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के अलावा बीएसपी के लगभग सभी सांसद व विधायक समेत सैकड़ों पदाधिकारी और लाखों कार्यकर्ता भी मौजूद रहें।