आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यू तो लखनऊ के चिड़ियाघर में काफी कुछ देखने लायक है, लेकिन अब नया समुंद्रीय जीव आकर्षण का केंद्र बनने वाला है। भारत के समुंद्र में मिलनें वाले जलीय जीव, जो फूल पौधों की तरह दिखते है, उनको अब आप नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के मछली घर में देख सकते है। प्राणि उद्यान के मछली घर के समुद्री एक्वेरियम में दो कारपेट एनीमोन को रखा गया है।
इस संबंध में शुक्रवार को निदेशेक वीके मिश्र ने कहा कि छा़त्रों को और खास तौर पर जीव विज्ञान पढ़नें वाले छात्रों शोधार्थियों के लिए यह उपयुक्त मौका है कि वे इसको प्रत्यक्ष देख सकते है। भारत में 40 प्रकार के एनीमोन मिलते है और वे सब पौधों, फूल और झाड़ की तरह दिखते है। उन्होंने बताया कि इनको खानें में सप्ताह में एक बार मछली दी जायेगी। फिलहाल प्राणि उद्यान के मरीन एक्वेरियम में अभी दो कारपेट एनीमोन को रखा गया है।
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वहीं मछली विशेषज्ञ एवं प्राणि उद्यान में मछली घर के संचालक इंद्रमणि राजा ने बताया कि पूरी दुनिया में एनीमोन की लगभग एक हजार प्रजातियां मिलती है और भारत के तीनों समुद्रों में बहुतायत मिलते है, लेकिन अंडमान निकोबार इनका मुख्य प्राकृतिक आवास है। वैसे तो ये छिछले समुद्र के किनारों पर मिलते है, लेकिन दस हजार मीटर नीचे भी कई प्रकार के एनीमोन मिलते है।
क्लाउन फिश है अच्छी दोस्ती
एनीमोन भोजन के लिए अपने रंग और आकार का प्रयोग कर छोटे कीट-पंतगों और छोटी मछलियों को आकर्षित कर उन्हें खा लेता है। केवल क्लाउन फिश ही इस एनीमोन में अपना घर बनाकर रहती है और समुद्र में जहां सब एक दूसरे के दुश्मन है वहां यह मछली और एनीमोन सहजीवी के प्रमाण है। ये कहना गलत नही होगा कि क्लाउन फिश से इनकी अच्छी दोस्ती है। यह एनीमोन क्लाउन फिश को सुरक्षित घर देते है, जबकि एनीमोन क्लाउन फिश को छोड़कर सभी मछलियों को दबाकर मार देता है।
होते है जहरीले और खतरनाक
एनीमोन जहरीले और खतरनाक होते है और हम उनको छू नही सकते, क्योंकि अगर हमारी त्वचा उसके संपर्क में आ जाती है तो वह उतनी त्वचा को उतार लेगा और जहरीले होंने के कारण हमको एंटीवेनम की भी चिकित्सकीय सहयोग लेना पड़ेगा।भारत में एनीमोनपर शोध चल रहे है।