आरयू वेब टीम। महाराष्ट्र के नंदुरबार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल ने कहा कि उन्हें लगता है कि संविधान की लाल किताब कोरी है, क्योंकि उन्होंने इसे कभी नहीं पढ़ा है। साथ ही कहा कि संविधान में भारत की आत्मा और बिरसा मुंडा, डॉ. बीआर अंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों द्वारा परिकल्पित सिद्धांत शामिल हैं।
राहुल ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं जनसभाओं में जो संविधान दिखाता हूं, वो खाली है। नरेंद्र मोदी जी के लिए संविधान खाली है, क्योंकि उन्होंने कभी इसे पढ़ा ही नहीं है। वे कहते हैं कि राहुल गांधी लाल रंग का संविधान दिखाता है। मोदी जी, इसके रंग से हमें फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जो इसके अंदर लिखा है, हम उसकी रक्षा के लिए जान देने को तैयार हैं। दरअसल भाजपा के नेताओं ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान में गांधी द्वारा प्रदर्शित लाल किताब को शहरी नक्सलवाद से जोड़ने की कोशिश की। वहीं, राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और भाजपा ऐसी टिप्पणियां करके राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संविधान में आपको ‘आदिवासी’ नाम दिया गया है, लेकिन बीजेपी-आरएसएस के लोग आपको ‘वनवासी’ कहते हैं। आदिवासी और वनवासी में बहुत बड़ा फर्क है। आपके इसी अधिकार को बचाने के लिए बिरसा मुंडा जी अंग्रेजों से लड़े थे। आज यही सोच लेकर नरेंद्र मोदी और भाजपा के लोग घूम रहे हैं।
इस दौरान विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घोषणापत्र पर प्रकाश डालते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि महिलाओं, किसानों और युवाओं को 3,000 रुपये मासिक सहायता और मुफ्त बस यात्रा, तीन लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफी और 4,000 रुपये प्रति माह सहायता जैसे प्रावधानों से संरक्षित किया जाएगा।
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साथ ही जाति जनगणना की मांग दोहराते हुए कहा कि इससे महाराष्ट्र में आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों की संख्या और संसाधनों में उनकी हिस्सेदारी का पता लगाने में मदद मिलेगी। राहुल ने दावा किया कि वर्तमान में आठ प्रतिशत आदिवासी आबादी में से निर्णय लेने में उनकी हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र से पांच लाख नौकरियां छीन ली गई हैं क्योंकि विभिन्न बड़ी परियोजनाओं को दूसरे राज्यों में स्थानांतरित कर दिया गया है।