आरयू वेब टीम। टूलकिट मामले में 21 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तार पर विरोध झेल दिल्ली पुलिस पर अब दिल्ली महिला आयोग ने सवाल उठाए हैं। इस संबंध में आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर तीन दिन में कारण बताने को कहा है। आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने आरोप लगाए हैं कि दिशा की गिरफ्तारी में कानूनी प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन नहीं किया गया।
दिल्ली महिला आयोग द्वारा दिल्ली पुलिस को भेजे नोटिस में कहा गया है, ‘मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिशा को 13-02-2021 को बेंगलुरू से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मीडिया में कुछ कार्यकर्ताओं की तरफ से यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली पुलिस उसे बेंगलुरू से दिल्ली बगैर उसके ठिकाने की जानकारी का खुलासा किए ले गई। इस बात की जानकारी उसके माता-पिता को भी नहीं थी।’
वहीं इससे पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने कहा कि दिशा रवि की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप की गई है, जो 22 से 50 वर्षीय की आयु के लोगों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता। श्रीवास्तव ने पत्रकारों से कहा कि यह गलत है जब लोग कहते हैं कि 22 वर्षीय कार्यकर्ता की गिरफ्तारी में चूक हुई। दिशा रवि को तीन कृषि कानूनों से संबंधित किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गत शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था।
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पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने टेलीग्राम ऐप के जरिए जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को यह टूलकिट भेजी थी और इस पर कार्रवाई के लिए उन्हे मनाया था। दिल्ली पुलिस के प्रमुख ने कहा, ‘‘दिशा रवि की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप की गई है, जो 22 से 50 वर्षीय की आयु के लोगों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता।’’
उन्होंने कहा कि दिशा रवि को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है और मामले की जांच जारी है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को आरोप लगाया था कि रवि और मुंबई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु ने टूलकिट तैयार की और दूसरों के साथ इसे साझा करके भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की। पुलिस ने दावा किया है कि रवि के टेलीग्राम अकाउंट से डेटा भी हटाया गया है। जैकब और शांतनु के खिलाफ भी गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।