आरयू वेब टीम। कांग्रेस को आखिरकार अपना नया अध्यक्ष मिल गया है। अनुभवी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। खड़गे ने सीधे मुकाबले में शशि थरूर को भारी मतों से हराया। मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 वोट मिले, जबकि शशि थरूर को महज 1072 वोट मिले। अध्यक्ष के चुनाव में कुल 9497 वोट पड़े थे। इस बार गांधी परिवार की तरफ से कोई भी सदस्य अध्यक्ष पद की रेस में शामिल नहीं था।
कांग्रेस मुख्यालय के बाहर खड़गे की जीत का जश्न मनाया गया। खड़गे के समर्थक ढोल नगाड़ों के साथ उनकी जीत को सेलिब्रेट कर रहे हैं। जीत के बाद खड़गे से मिलने सचिन पायलट, गौरव गोगोई, तारिक अनवर जैसे नेता पहुंचे। इनके अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उनके घर पहुंचे। खड़गे खिलाफ चुनाव लड़ रहे शशि थरूर ने भी उन्हें जीत की बधाई दी।
साथ ही थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा कि “ये काफी सम्मान और बड़ी जिम्मेदारी की बात है। मैं खड़गे जी के लिए उनके इस काम में सफलता की कामना करता हूं।” इसके अलावा खड़गे ने उन्हें मिले समर्थन को लेकर भी कांग्रेस नेताओं को धन्यवाद दिया।
मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के सबसे सीनियर नेताओं में से एक हैं। उनकी उम्र 80 साल है और कई दशकों से वो सक्रिय राजनीति में हैं। खड़गे को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। खड़गे कर्नाटक के बीदर से आते हैं। उन्होंने बीए और एलएलबी की पढ़ाई की है और पेशे से वकील भी रह चुके हैं। खड़गे सबसे पहले 1969 में कर्नाटक के गुलबर्ग सिटी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 1972 में पहली बार चुनकर विधानसभा गए। तब से लेकर 2009 तक वो कुल नौ बार विधायक रहे।
यह भी पढ़ें- गहलोत के बाद दिग्विजय सिंह भी नहीं लड़ेगे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव, बोले, मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ लड़ने की सोच भी नहीं सकता
वहीं 1976 में वो पहली बार कर्नाटक में कैबिनेट मंत्री बने। खड़गे को 1988 में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2005 में वो कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। इसके बाद वो तमाम बड़े पदों पर रहे। ऐसा पिछले 24 साल में पहली बार हुआ है जब गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता अध्यक्ष पद तक पहुंचा है। इससे पहले सीताराम केसरी ऐसे अध्यक्ष थे, जो गांधी परिवार से नहीं थे।