आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 55वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम से देश को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-2 की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि चंद्रयान से भरोसे और विश्वास की ताकत मिली। चंद्रयान-2 मिशन के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा, ‘’मुझे पूरा विश्वास है कि आपको आसमान के भी पार, अंतरिक्ष में, भारत की सफलता के बारे में, जरुर गर्व हुआ होगा।
चंद्रयान-2 मिशन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जब बात नए-नए क्षेत्र में कुछ नया कर गुजरने की हो, उत्साह की हो तो हमारे वैज्ञानिक सर्वश्रेष्ठ हैं, विश्व-स्तरीय हैं। ‘’हमें याद रखना चाहिए कि जीवन में भी मुश्किलों को पार करने का सामर्थ्य हमारे भीतर ही है।
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पीएम ने आगे कहा कि ‘मन की बात’ के माध्यम से मैं देश के विद्यार्थी दोस्तों के साथ, युवा साथियों के साथ एक बहुत ही दिलचस्प प्रतियोगिता के बारे में जानकारी साझा करना चाहता हूं और देश के युवक-युवतियों को निमंत्रित करता हूं। मोदी ने कहा कि बच्चों के लिए भारत के स्पेस मिशन से जुड़ी क्विज प्रतियोगिता कराई जाएगी, जो एक अगस्त से वेबसाइट पर शुरू होगी।
मोदी ने कह कि मैं स्कूलों से, अभिभावकों से, उत्साही आचार्यों और शिक्षकों से विशेष आग्रह करता हूं कि वे अपने स्कूल को विजयी बनाने के लिए भरसक मेहनत करें।’’ उन्होंने कहा, ‘’ईनाम के रूप में सर्वाधिक स्कोर करने वाले बच्चों को सात सितंबर को श्रीहरिकोटा में चंद्रयान-2 की लैडिंग के क्षण का साक्षी बनने का मौका मिलेगा। इसके लिए आपको क्विज प्रतियोगिता में हिस्सा लेना होगा और सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने होंगे।
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वहीं इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’मेरे कहने से पहले भी जल संरक्षण आपके दिल को छूने वाला विषय था, सामान्य मानवी की पसंदीदा विषय था। मैं अनुभव कर रहा हूं कि पानी के विषय ने इन दिनों हिन्दुस्तान के दिलों को झकझोर दिया है। सरकार हो, एनजीओ हो जलसंरक्षण के लिए युद्ध स्तर पर कुछ-ना-कुछ कर रहे हैं। सामूहिकता का सामर्थ्य देखकर, मन को बहुत अच्छा लग रहा है, बहुत संतोष हो रहा है।
अमरनाथ से लौटने वाले कश्मीरियों के अपनेपन के हो जाते हैं कायल
इसके अलावा अमरनाथ यात्रा की सफलता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर के लोग अमरनाथ यात्रियों की सेवा और मदद करते हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा में पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए हैं। जो लोग अमरनाथ यात्रा से लौटकर आते हैं, वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की गर्मजोशी और अपनेपन की भावना के कायल हो जाते हैं। अमरनाथ के साथ ही उत्तराखंड में भी चार धाम की यात्रा के लिए रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं।