आरयू ब्यूरो, लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में संविदा कर्मियों ने वेतन कटौती को लेकर हड़ताल कर दी। कर्मचारियों ने मनमाने तरीके से वेतन काटे जाने का विरोध करते हुए बुधवार को जमकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने काम काज ठप करके पूरे परिसर में जुलूस निकाल करके केजीएमयू प्रशासन चोर है के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। साथ ही ओपीडी पहुंचकर ओपीडी के कामकाज को भी बंद करा दिया।
कर्मचारियों ने सबसे पहले ओपीडी में पर्चा बनाना बंद किया। इसके बाद उन्होंने ट्रामा सेन्टर पर जाकर ताला बंद कर दिया। इस बीच काफी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। मरीजों को दूसरे गेट से अंदर भेजा गया, लेकिन प्रदर्शन के चलते ट्रॉमा सेंटर में एंबुलेंस की लाइन लग गई।
कर्मचारियों का आरोप है कि पहले एक महीने का वेतन दिए जाने का आश्वासन दिया गया था। अब 26 दिन का वेतन दिया जा रहा है चार दिन रविवार का वेतन काट लिया जाता है। यही नहीं कोई सरकारी छुट्टी पड़ती है तो भी उनका वेतन काट लिया जाता है। वह लोग तो हमेशा काम करने के लिए तैयार रहते हैं। बताते चले कुछ समय पहले केजीएमयू प्रशासन ने उन्हें एई महीने का वेतन देने का आश्वासन दिया था।
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संविदा कर्मियों का कहना है कि एजेंसी की भी इसमें मिली भगत रहती है। कोई मांगे पूरी न होने पर बुधवार को संविदा कर्मियों को ये कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा। सभी ने अपने-अपने विभागों में काम को बंद करके पूरे प्रदेश परिसर में नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। केजीएमयू प्रशासन उनको समझाने की कोशिश, लेकिन कामयाबी न मिल सकी।
वहीं इस बारे में केजीएमयू प्रशासन ने दावा किया है कि वह कर्मचारियों की हर समस्या को लेकर गंभीर है। केजीएमयू वीसी ने कहा है कि संविदा कर्मचारी की ओर से बताई गई बातों को गंभीरता से लिया गया है और उसका हर स्तर पर समाधान कराएंगे। संविदा कर्मचारी सेवा प्रदाता संस्था ज़ेम वेंचर्स के माध्यम से तैनात किए गए हैं। ऐसे में उनकी हर तरह की जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि अनजाने में वेतन कटौती हुई है। इसकी जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है। सेवा प्रदाता संस्था को निर्देश दिया गया है कि प्रभावित कर्मचारियों को तुरंत उनका भुगतान करे।