मायावती ने BJP को माना दुश्‍मन नंबर 1, बदली रणनीतियां, खोला भाषण पढ़ने का राज

अंबेडकर जयंती
मंच से कार्यकर्ताओं का अभिवादन करती बसपा सुप्रीमो, साथ में अन्य वरिष्ठ नेता। फोटो- आरयू

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत और अपनी करारी शिकस्‍त के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा को अपना दुश्‍मन नंबर एक माना है। इससे पहले उत्‍तर प्रदेश में उनका सीधा मुकाबला सपा से होता था। अंबेडकर जयंती के मौके पर आज उन्‍होंने अंबेडकर पार्क में कई अहम घोषणाएं की।

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साथ ही अपने बयान पढ़ने के राज से भी पर्दा उठा दिया। गोमतीनगर स्थित अंबेडकर पार्क में अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी का राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष भी घोषित कर दिया। भाई को अहम पद दिया जाने के बाद अब समझा जा रहा है कि भविष्‍य में वह ही बसपा के अगले उत्‍तराधिकारी होंगे।

लोकतंत्र की रक्षा के लिए सपा से मिलाएंगी हाथ

साथ ही उन्‍होंने भाजपा को रोकने के लिए सपा से भी हाथ मिलाने का भी संकेत दिया। भाजपा को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए मायावती ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए वह किसी भी पार्टी के ऑफर का स्‍वागत करेंगी।

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हालांकि इस दौरान उन्‍होंने तंज कसते हुए कहा कि कभी-कभी जहर को काटने के लिए जहर की आवश्‍यकता पड़ती है। बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव भी मायावती से हाथ मिलाने के संकेत दे चुके है। आज के इस कार्यक्रम के बाद प्रदेश के साथ ही देश में भी जल्‍द ही नए राजनीतिक समीकरण देखने को मिलने की पूरी उम्‍मीद है।

गले की दिक्‍कत की वजह से पढ़ती है बयान

मायावती ने लंबे समय से बयान पढ़कर बोलने के राज से भी आज उन्‍होंने पर्दा उठा दिया। कार्यकर्ताओं से बोली कि आप लोग इस बारे में सवाल करते रहे हैं, मगर इसका कारण नहीं जानते। मेरे गले के दो ग्लायिन्ड्स में से एक ख़राब हो चुका था और उसे 1996 में हुए एक आपरेशन में डॉक्‍टरों ने निकल दिया था। एक ग्लायिंड की वजह से डॉक्‍टरों ने मुझे गले पर जोर देने से मना किया है। जबकि बिना देखे भाषण देने से मेरे गले पर लगातार जोर पड़ता है। इससे जुड़े सवाल सुनते-सुनते मेरे कान पक गए थे।

वोट के लिए राजनीतिक दल मनाने लगे अंबेडकर जयंती

अन्‍य राजनीतिक दलों के अंबेडकर जयंती मनाने पर उन्‍होंने निशाना साधते हुए कहा कि दूसरे राजनीतिक दल अब वोट के स्वार्थ में बाबा साहब की जयंती मनाने लगे हैं। बसपा को छोड़कर सभी दलों ने जाति के आधार पर उनके अनुयायियों का शोषण किया है। भीमराव अंबेडकर की बढ़ाई करते हुए बोली कि बाबा साहब दलितों, आदिवासियों और उपेक्षित वर्ग के उत्थान के लिए काम करते रहे, लेकिन अब दूसरे दल वोट की राजनीति के लिए इनका केवल इस्तेमाल कर रहे है।

अंबेडकर जयंती
मायावती को सुनने पहुंची कार्यकर्ताओं की भीड़। फोटो-आरयू

EVM को फिर बताया अपनी हार का जिम्‍मेदार

पूर्व मुख्‍यमंत्री ने एक बार फिर अपनी हार का जिम्‍मेदार ईवीएम को बताते हुए भाजपा पर भी हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि ईवीएम का विरोध देशभर में आगे भी जारी रहेगा।

अंग्रेजों की हुकूमत के दौरान डबल गुलाम थे दलित

अपने भाषण में बसपा सुप्रीमों ने दलित व पिछड़ों की दुर्दशा बयान करते हुए बताया कि किस तरह से उन्‍हें पुराने जमाने से ही गुलामी करनी पड़ती थी। इस दौरान उन्‍होंने भारत में ब्रिटिश राज्‍य के दौर की भी याद दिलाते हुए समर्थकों को बताया कि अंग्रेजों के समय में आज के एससी व एससीएसटी वर्ग के लोगों के हालात खराब थे। पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों की हुकूमत के दौरान यह सभी लोग डबल गुलाम थे। एक अंग्रेजों व दूसरा हिन्‍दुत्‍ववादी लोगों के, उन्‍होंने आगे कहा कि ऊंच-नीच की वजह से इन लोगों को बहुत तकलीफ उठानी पड़ी। उस समय उनका एक ही काम था गुलामी करना।

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अपनी घोषणाओं से पहले मायावती ने अंबेडकर प्रतिमा पर पुष्‍प अर्पित कर उन्‍हें याद किया। कार्यक्रम के दौरान नसीमुद्दीन सिद्दीकी, सतीश चन्‍द्र मिश्रा, मेवालाल गौतम समेत तमाम बड़े नेता और प्रदेश भर से आए हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे।