चंद्रशेखर आजाद ने कहा, “मायावती का अपमान नहीं सहेंगे ‘भाजपा विधायक को जूतों से चाहिए पीटना”

चंद्रशेखर आजाद

आरयू ब्यूरो, लखनऊ/कानपुर। आजाद समाज पार्टी के मुखिया व नागिना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भाजपा के एक विधायक पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो विधायक बहनजी (मायावती) पर टिप्पणी कर रहे हैं, उन्हें जूतों से पीटा जाना चाहिए। चंद्रशेखर ने कहा कि कुछ भाजपा नेताओं ने होश खो दिया है और अपनी हैसियत से ज्यादा बोलने लगे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई बहनजी का अपमान करेगा, तो भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के लोग उनसे हिसाब चुकता करेंगे।

चंद्रशेखर ने कहा कि बहनजी हमारी नेता हैं और वे हमारी आदर्श हैं। अगर कोई उनकी इज्जत पर उंगली उठाएगा, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो लोग बड़े नेताओं को खुश करने के लिए बहनजी के खिलाफ गलत बातें करते हैं, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। चंद्रशेखर का यह बयान उस वक्त आया जब वे कानपुर के गोशाला चौक पर स्थित एमवीआर ग्रैंड होटल में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

इस दौरान चंद्रशेखर ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आज अगर आप अखबार पढ़ें, तो हर जगह दुष्कर्म, हत्या, चोरी, डकैती और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की खबरें ही मिलेंगी। ये राज्य की कानून व्यवस्था की सच्चाई है। भाजपा सरकार गरीब, कमजोर और किसानों का शोषण कर रही है, और हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।

वहीं आरक्षण के वर्गीकरण के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि हम इसका विरोध इसलिए कर रहें,  क्योंकि हमने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ा है। हम चाहते हैं कि हमारे समाज के लोग एकजुट रहें और इसलिए हमारी कोशिश है कि सभी अनुसूचित जाति के प्रतिनिधियों को बुलाकर जल्द ही बातचीत की जाए। हम एक साथ बैठकर इसका हल निकालने का प्रयास करेंगे, क्योंकि हमें सरकार की मंशा पर शक है।

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बता दें कि मथुरा की मांट सीट से भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने एक टीवी कार्यक्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती को सबसे भ्रष्ट सीएम बताया था। उन्होंने कहा कि उन्हें पहली बार भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाया था वो एक बड़ी गलती थी।
चैनल पर एंकर ने यह भी कहा कि आप किसी भावना में बहकर यह बात तो नहीं कह रहे। चाहें तो अपनी बात वापस ले सकते हैं, लेकिन चौधरी अपने बयान पर कायम रहे और कहा कि यह अकाट्य सत्य है कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार मायावती सरकार में हुआ।

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