आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कभी अपने बेहद करीबी रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत अन्य को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी बसपा सुप्रीमो ने आज एक बार फिर बड़ा फैसला लेते हुए बीते विधानसभा चुनाव में एक-दो नहीं बल्कि लखनऊ की पांच विधानसभा सीटो पर ताल ठोकने वाले अपने उम्मीदवारों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री की इस कार्रवाई के बाद बसपा में एक बार फिर थोड़ी उथल-पुथल मच सकती है।
इन पर गिरी माया की गाज
निकाले गए बसपा नेताओं में अजय कुमार श्रीवास्तव शहर उत्तरी, सरोज कुमार शुक्ला पूरब, राजीव श्रीवास्तव मध्य सीट, योगेश दीक्षित कैंट और शिवशंकर सिंह उर्फ शंकरी ने सरोजनीनगर सीट से विधानसभा चुनाव में ताल ठोकी थी।
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इन आरोपों में हुई कार्रवाई
पार्टी से निष्कासित किए गए बसपाईयों पर बसपा के खिलाफ होने वाली गतिविधियों में शामिल होने के साथ ही अनुशासनहीनता का भी आरोप है। बसपा के जिलाध्यक्ष हरिकृष्ण गौतम की ओर से जारी की गई एक विज्ञप्ति के माध्यम से इसकी जानकारी मीडिया को आज दी गई है।
बसपा की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पांचों के खिलाफ शिकायतें मिली थी, जिसकी जांच कराने के साथ ही इन लोगों को सुधरने की कई बार चेतावनी भी दी गई थी, लेकिन सुधार नहीं होने पर इन्हें बुधवार को पार्टी से निकाल दिया गया।
जाने बीते विधानसभा चुनाव में कैसा था इनका प्रदर्शन
अजय कुमार श्रीवास्तव को मायावती ने शहर उत्तरी से टिकट दिया था। इन्हें बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. नीरज वोरा ने करीब 80 हजार वोट से पराजित किया था। अजय को कुल 30 हजार वोटो से संतोष करना पड़ा था।
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करीब 31 हजार मत पाने वाले बसपा के पूरब सीट के प्रत्याशी सरोज कुमार शुक्ला को भाजपा के अशुतोष टंडन ने एक लाख से ज्यादा मतों से हराया था।
राजीव श्रीवास्तव पर बसपा ने मध्य से भाग्य आजमाया था यहां 78 हजार से ज्यादा वोट पाने वाले भाजपा के बृजेश पाठक ने राजीव को करीब 54 हजार वोटो से पटखनी दी थी।
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योगेश दीक्षित को बसपा ने कैंट सीट से टिकट दिया था। इस सीट पर रीता बहुगुणा जोशी करीब 95 हजार वोट पाकर जीती थी, जबकि योगेश के खाते में कुल 26 हजार वोट आए थे।
सरोजनीनगर सीट से बसपा ने शिवशंकर सिंह पर दांव खेला था, शंकरी ने पार्टी से निकाले गए चार अन्य प्रत्याशियों से काफी अच्छा प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में किया था। इनके खाते में करीब 72 हजार वोट आए थे, हालांकि उसके बाद भी भाजपा की उम्मीदवार स्वाति सिंह ने उन्हें लगभग 36 हजार मतों से पराजित किया था।
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