मायावती ने कहा बसपा का वास्तविक उत्तराधिकारी वही, जो तकलीफें उठाकर आखिरी सांस तक लड़े

मायावती

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर शर्तें तय की है। साथ ही आकाश आनंद के सामने बड़ी चुनौती रखी है। बसपा मुखिया ने उत्‍तराधिकारी को लेकर रविवार को कहा कि बसपा में स्‍वार्थ, रिश्‍ते-नाते महत्‍वहीन हैं। बहुजन का हित सर्वोपरि है। जो कांशीराम जी की तरह ही मेरे जीतेजी भी पार्टी व मूवमेन्ट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी जब वह भी, कांशीराम जी के अन्तिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे।

सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पोस्ट करते हुए मायावती ने पांच मुख्य बिंदुओं में अपनी बात सार्वजनिक तौर पर रखी है। बसपा मुखिया ने कहा कि बीएसपी, देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुंचाने के लिए, कांशीराम द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन अर्थात बहुजन-हित सर्वोपरि है।

इसी क्रम में कांशीराम जी की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देेकर संघर्ष जारी रखूंगी ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें। साथ ही बसपा मुखिया ने कहा कि मान्यवर कांशीराम जी की तरह ही मेरे जीतेजी भी पार्टी व मूवमेन्ट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी जब वह भी, कांशीराम जी के अन्तिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे।

साथ ही, देश भर में बीएसपी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख द्वारा निर्देश, निर्धारित अनुशासन एवं दायित्व के प्रति पूरी निष्ठा व ईमानदारी से जवाबदेह होकर पूरे तन, मन, धन से लगातार काम करते रहना जरूरी है। इसी जिम्मेदारी के साथ खासकर कैडर के बल पर, जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती व सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के साथ ही आगे भी हर चुनाव की तैयारी में पूरी दमदारी के साथ लगना है ताकि बहुजन समाज की एकमात्र आशा की किरण बीएसपी को अपेक्षित व प्रतीक्षित सफलता मिल सके।

यह भी पढ़ें- अटकलें खारिज कर बोलीं मायावती, राजनीति से सन्‍यास का कोई इरादा नहीं, जातिवादी मीडिया फैला रहा फेक न्‍यूज

मालूम हो कि मायावती ने साल-2023 में अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्‍तराधिकारी बनाया था, हालांकि  लोकसभा चुनाव के दौरान उन्‍होंने आकाश आनंद को अपरिपक्‍व बताते हुए उनके पद से हटा दिया था, लेकिन 47 दिन बाद ही जून 2024 में मायावती ने बसपा की राष्‍ट्रीय कार्रकारिणी की बैठक में एक बार फिर आकाश आनंद को आशीर्वाद दे दिया था। तबसे माना जा रहा था कि आकाश आनंद बसपा में उनके उत्‍तराधिकारी होंगे, लेकिन अब मायावती ने एक बार फिर जता दिया है कि वह आकाश आनंद को लेकर आश्‍वस्‍त नहीं हैं।

यह भी पढ़ें- आखिरकार मायावती ने आकाश आनंद को फिर बनाया अपना उत्‍तराधिकारी, राष्‍ट्रीय संयोजक की भी लौटाई जिम्‍मेदारी