आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर आज बसपा सुप्रीमो ने मोदी सरकरा पर हमला बोला है। मायावती ने भाजपा के ‘एंटी ब्लैक मनी डे’ मनाने की बात पर सवाल उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अति जल्दबाजी में 500 व हजार रुपए की नोटबंदी का आपातकाल लागू करके देश की लगभग सवा सौ करोड़ गरीब, किसान व अन्य मेहनतकश जनता को अभूतपूर्व तंगी व संकट में डालने के दुष्परिणाम के चलते यह फैसला भारत के इतिहास का काला अध्याय साबित हुआ। इसलिए बीजेपी को आज इसे ‘एंटी ब्लैक मनी डे‘ की जगह ‘नोटबंदी माफी दिवस‘ के रुप में ही मनाना चाहिए।
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भावनाओं के मकड़ाजाल से आजाद होना अब बेहद जरूरी
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने जनता को सलाह देते हुए भी कहा कि मोदी सरकार की मनमानी, अड़ियल व निरंकुश रवैये के कारण ही देश एक प्रकार से आपातकाल के संकटकालीन दौर से गुजर रहा, जिससे मुक्ति पाने के लिए जनता को भाजपा द्वारा फैलाई गई भावनाओं के मकड़जाल से आजाद होना अब बेहद जरूरी हो गया है।
पैराडाइज पेपर खुलासे पर मोदी सरकार की चुप्पी को समझ रहे लोग
बसपा सुप्रीमो ने नोटबंदी के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे भ्रष्टाचार पर वार बताया गया था, लेकिन बीजेपी एण्ड कम्पनी के करीबियों के भ्रष्टाचार व अनुचित कार्यों का एक के बाद एक पर्दाफाश होने से अब मोदी सरकार के भ्रष्टाचार का भाण्डा भी फूट गया है। पैराडाइज पेपर भाण्डाफोड़ इस बात का ताजा उदाहरण है। मोदी सरकार की इस बात पर चुप्पी और निष्क्रियता लोगों को समझ आ रही है। वहीं नोटबंदी से भी कई प्रकार के नए भ्रष्टाचार का जन्म हुआ है, जिसका फायदा बीजेपी के लोग व उनके करीबी उठा रहे हैं।
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