आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लंबे समय से तीन तलाक पर मचे घमासान के बाद आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस पर अपना मत साफ किया है। तीन तलाक विधेयक को कई गंभीर त्रुटियों व कमियों वाला बिल बताते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के अलोकतात्रिंक रवैये के कारण अगर यह विधेयक वर्तमान स्वरुप में पारित होकर कानून बन जाता है, तो इससे मुस्लिम महिलाएं दोहरे अत्याचार का शिकार होंगी तथा उनका हित होने के बजाय अहित होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आज अपने एक बयान में कहा कि तीन तलाक पर प्रतिबंध से संबंधित कानून बनाने पर बीएसपी सहमत है, परन्तु वर्तमान विधेयक में सजा आदि का जो प्रावधान किया गया है, वह तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के लिए और भी ज्यादा बुरा होकर नई समस्याएं पैदा करेगा। जिससे न सिर्फ उनका जीवन काफी ज्यादा मुश्किल हो जाएगा बल्कि वे शोषण का शिकार भी होंगी।
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बसपा सुप्रीमो ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार अपनी मुस्लिम-विरोधी नीति व कार्यकलाप के कारण पूरे समाज को उद्वेलित करना चाहती है, ताकि यह मामला भी हिन्दू-मुस्लिम बन जाए और फिर बीजेपी चुनावी स्वार्थ की रोटी सेंकती रहे।
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तर्क देते हुए मायावती ने आगे कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ होकर राजनीतिक नहीं होती तो तीन तलाक विधेयक को प्रवर समिति को भेजकर बेहतर विधेयक तैयार करने के मामले में हठधर्मी नहीं अपनाती और ना ही फिर इस मामले में संसद का इतना समय बर्बाद होता।
मनामनी की आदी हो गयी मोदी सरकार
मायावती यहीं नहीं रूकी उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि वास्तव में मोदी सरकार मनमानी करने की आदी हो गयी है। चाहे नोटबंदी का अपरिपक्व फैसला हो या काफी जल्दबाजी में जीएसटी कर का लाया नए कानून का अत्यंत कष्टदायी निर्णय या फिर अब तीन तलाक का महत्वपूर्ण मामला, मोदी सरकार द्वारा मनमानी के साथ-साथ इनके अड़ियल रवैये अपनाने के कारण हर नई व्यवस्था देश की जनता के लिए जान का जंजाल ही साबित हो रही है।
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बताते चलें कि लोकसभा में पास होने के बाद आए तमाम गतिरोध के बाद अब तीन तलाक बिल बिल राज्य सभा में अटक गया है। आज राज्यसभा में बिल पास होता उससे पहले ही राज्यसभा अनिश्चित कालीन के लिए स्थागित कर दी गयी है। वहीं वर्तमान तीन तलाक बिल के खिलाफ एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी शुरू से ही मजबूती के साथ खड़ें हैं।
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