आरयू इंटरनेशनल डेस्क। भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को एक और झटका लगा है, स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, डोमिनिका उच्च न्यायालय ने शनिवार को उसे (चोकसी को) ‘उड़ान जोखिम’ बताते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया है।
वहीं एसपी शारदा राउत के नेतृत्व वाली सीबीआइ टीम ने उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि चोकसी एक भारतीय नागरिक है और 13,000 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले का आरोपी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि, उसे वापस भारत को सौंपा जाए। वहीं जमानत न मिलने के बाद चोकसी को फिलहाल पुलिस सुरक्षा में डोमिनिका-चाइना फ्रेंडशिप अस्पताल में रखा गया।
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गौरतलब है कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने डोमिनिका सरकार द्वारा मेहुल चोकसी को ‘प्रतिबंधित प्रवासी’ घोषित करने वाले 25 मई के एक आदेश को एक्सेस किया। डोमिनिकन राष्ट्रीय सुरक्षा और गृह मंत्रालय ने अपनी पुलिस को प्रक्रिया के अनुसार चोकसी को डोमिनिका से हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने मेहुल चोकसी को 25 मई को प्रतिबंधित अप्रवासी के रूप में घोषित होने पर भी सूचित किया है। उसने चोकसी से ये भी कहा है कि उसे डोमिनिका में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
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बता दें, चोकसी 23 मई को एंटीगुआ द्वीप में रात के खाने के लिए बाहर जाने के बाद से कथित तौर पर “लापता” हो गया था और बाद में जॉली हार्बर में उसके वाहन का पता चला था लेकिन चोकसी लापता था।
येलो नोटिस अलर्ट के बाद, डोमिनिकन अधिकारियों ने चोकसी को टौकारी बीच के माध्यम से देश में कथित रूप से अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जबकि चोकसी एंटीगुआ में प्रत्यावर्तित होने की मांग कर रहा है। जहां उसे नागरिकता प्राप्त है, एंटीगुआ के पीएम गैस्टन ब्राउन ने अब उसे एंटीगुआ में प्रवेश देने से इनकार कर दिया है और डोमिनिकन सरकार से उसे सीधे भारत भेजने की बात कही है।