आरयू वेब टीम। कर्नाटक में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच गुरुवार को विधानसभा स्पीकार केआर रमेश कुमार ने कहा है कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। बागी विधायकों से मिलने के बाद केआर रमेश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह पूरी जिम्मेदारी से अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, साथ ही धीमी सुनवाई के आरोपों से वह दुखी हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी बागी विधायक ने मुलाकात के लिए समय नहीं मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे फैसला लेने के लिए कहा है। मैंने सारी चीजों की विडियोग्राफी की है और मैं उसे सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा।’ साथ ही उन्होंने कहा कि आठ इस्तीफों के फॉर्मेट सही नहीं हैं।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस और जेडीएस के दस बागी विधायकों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि स्पीकर को उनके इस्तीफों पर आज ही फैसला लेना होगा।
वहीं स्पीकर ने कहा है कि वह इस्तीफों की जांच करेंगे। मेरा काम किसी को बचाना नहीं है। मैं पिछले 40 साल से सार्वजनिक जीवन में हूं। मैं जीवन को सम्मान के साथ जीने की कोशिश करता हूं। उन्होंने कहा, ‘मैंने कुछ मीडिया रिपोर्ट को पढ़ा है, जिससे मैं आहत हुआ हूं जिसमें कहा गया कि मैं प्रक्रिया में देरी कर रहा हूं।’
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सियासी घटनाक्रम पर अपना पक्ष रखते हुए रमेश कुमार ने कहा कि विधायकों ने बीती छह जुलाई को इस्तीफा दिया। उस दिन मैं 1:30 बजे तक ऑफिस में रहा और इसके बाद चला गया था। विधायक दो बजे इस्तीफा देने आए थे। उन्होंने मुझको आने की जानकारी भी पहले से नहीं दी थी। विधायकों ने फोन तक नहीं किया। वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि विधायक मेरे पास आ रहे थे, जिसके चलते मैं भाग गया, जबकि मैं व्यक्तिगत कारण से गया था।
उन्होंने कहा कि विधायक मुझसे बात करने के बजाय राज्यपाल के पास चले गए। वह क्या कर सकते हैं? वे (विधायक) सुप्रीम कोर्ट चले गए। मैं राज्य के लोगों और संविधान के प्रति प्रतिबंध हूं। मैं देर कर रहा हूं, क्योंकि मैं इस जमीन से प्यार करता हूं। मैं नफरत में काम नहीं कर रहा हूं।
साथ ही उन्होंने कहा कि मैं रविवार को अपना ऑफिस नहीं खोल सकता हूं। सोमवार को मेरा निजा कामकाज था। लिहाजा मैं विधानसभा नहीं आ पाया था। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने का एक फॉर्मेट है। इन इस्तीफों में से आठ सही फॉर्मेट में नहीं थे। रात भर मुझे इस्तीफे देखने होते हैं कि वे सही हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों ने मुझे बताया कि धमकियां मिल रही हैं और वे डर की वजह से मुंबई चले गए, लेकिन मैंने उनसे कहा कि उन्हें मेरे पास आना चाहिए था और मैं उन्हें सुरक्षा देता। केवल तीन वर्किंग दिन बीते, लेकिन उन्होंने ऐसे व्यवहार किया जैसे भूकंप आ गया हो।
सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को दिया था विधानसभा अध्यक्ष से मिलने का आदेश
इससे पहले कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायक विधानसभा (विधानसौध) स्पीकर के रमेश कुमार से मिलने पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने 10 बागी विधायकों को गुरुवार शाम 6 बजे तक विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश होने का आदेश दिया था। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में और वक्त की मांग की है। हालांकि कोर्ट ने स्पीकर की इस याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
स्पीकर की अर्जी पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में स्पीकर द्वारा कहा गया कि उनका संवैधानिक कर्तव्य और विधानसभा नियम के मुताबिक वो ये सत्यापित करने के लिए बाध्य हैं कि विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक या बिना डर के हैं या नहीं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें वक्त नहीं दिया और उनकी अर्जी पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमने सुबह आदेश जारी कर दिया है कि कोर्ट इस मामले पर अब कल यानी शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
‘स्पीकर की याचिका शुक्रवार को मुख्य मामले के साथ सुन ली जाए’
स्पीकर की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनकी याचिका शुक्रवार को मुख्य मामले के साथ सुन ली जाए। सीजेआई ने कहा कि आप पहले रजिस्ट्री से संपर्क करें। इसके साथ ही कहा कि हम कल करेंगे सुनवाई।
जांच को आज आधी रात तक पूरा नहीं किया जा सकता
स्पीकर ने याचिका में कहा है कि इस तरह की जांच को आज आधी रात तक पूरा नहीं किया जा सकता। साथ ही कहा है कि वह बागी विधायकों के खिलाफ शुरू की गई अयोग्यता कार्यवाही को भी देख रहे हैं और उसमें भी वक्त लगेगा। ऐसे में वो बागी विधायकों के इस्तीफे की स्वैच्छिक प्रकृति का फैसला करना कम वक्त में संभव नहीं है क्योंकि इस मामले में उचित जांच की जरूरत है।
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गौरतलब है कि कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस और जेडीएस के 10 बागी विधायकों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि स्पीकर को उनके इस्तीफों पर आज ही फैसला लेना होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों से कहा है कि वे आज शाम छह बजे तक स्पीकर के सामने पेश हों। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस्तीफे पर स्पीकर को आदेश जारी करेंगे, शुक्रवार को आदेश की कॉपी सुप्रीम कोर्ट में जमा होगी। बता दें कि इन विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष पर उनका इस्तीफा जानबूझकर स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया है।
कितने विधायकों ने दिया इस्तीफा?
कर्नाटक में अब तक कांग्रेस के 11, जेडीएस के 3 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। इसके साथ ही 2 निर्दलीय विधायकों ने भी इस्तीफा देकर सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इनमें उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी मंगलवार को इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने की बात कही।
कर्नाटक में किसको कितनी सीटें?
कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा सीटें हैं, बहुमत का आंकड़ा 113 है। इसमें बीजेपी के 105 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 37 विधायक हैं। इस तरह से दोनों के पास कुल 117 विधायक हैं। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और निर्दलीय विधायक भी गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं लेकिन, 13 विधायकों के इस्तीफे से गठबंधन सरकार के पास 104 विधायक रह जाते हैं। हालांकि, अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने 13 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।