#MeToo: एमजे अकबर की निंदा कर बोलीं मायावती बेनकाब हुआ मोदी सरकार और BJP का महिला विरोधी चेहरा

बैलेट पेपर से चुनाव

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। यौन उत्‍पीड़न के खिलाफ सोशल मीडिया पर चल रहे कैंपेन #मीटू में 11 महिलाओं के आरोपों में घिरे मोदी सरकार के विदेश राज्‍य मंत्री एमजे अकबर के बयान पर सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने जमकर निशाना साधा है। साथ ही मायावती ने इस दौरान मोदी सरकार और भाजपा को भी कठघरे में खड़ा किया है।

सूबे की पूर्व सीएम ने आज कहा कि करीब एक दर्जन कामकाजी महिलाओं के साथ यौन शोषण समेत अन्‍य आरोपों में घिरे एमजे अकबर इसे चुनावी राजनीत का रंग देने की कोशिश कर रहें है, जो काफी निंदनीय है। बसपा अध्‍यक्ष ने कहा कि आरोपों के कठघड़े में खड़े मंत्री से ज्‍यादा ये पूरा घटनाक्रम मोदी सरकार व भाजपा की महिला सम्मान के प्रति असंवेदनशीलता व महिला विरोधी चाल-चरित्र देश के साथ ही पूरी दुनिया के सामने बेनकाब करता है।

मायावती ने कहा कि इस मामले में एमजे अकबर के साथ ही बीजेपी व मोदी सरकार के अड़ियल महिला-विरोधी रवैये से पूरा देश चकित ही नहीं, बल्कि स्तब्ध भी है। साथ ही अब यह सवाल उठने लगने लगा है कि भारतीय संस्कृति व सभ्यता की हर जगह दुहाई देने वाले बीजेपी व आरएसएस के लोग राजनीतिक स्वार्थ के लिये हमेशा इसी तरीके से महिलाओं को अपमानित व उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ करने का काम करते रहेंगे।

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बसपा सुप्रीमो ने अपने बयान में #मीटू का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब फिल्म जगत, खेल जगत, अखबारों की दुनिया व अन्यत्र सभी जगहों पर ऐसे यौन उत्पीड़न व शोषण के लगने वाले आरोपों के संबंध में कार्रवाईयों के उदाहरण सामने आ रहें हैं और इस प्रकार की घटनाओं के उजागर होने पर देश भर में हर तरफ इसकी निन्दा व विरोध का माहौल है, फिर भी बीजेपी व मोदी सरकार द्वारा इनके मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की हठधर्मी वास्तव में सरकार के अहंकारी होने का भी जीता-जागता प्रमाण भी है।

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बताते चलें कि संगीन आरोपों से घिरे एमजे अकबर लंबे समय बाद कल ही अपने विदेश दौरे से भारत लौटे थे। इस दौरान पत्रकारों ने एयरपोर्ट पर ही एमजे अकबर से इस संबंध में सवाल किए थे। जिसपर उनका कहना था कि जल्‍द ही इस मामले में बयान देंगे। जिसके कुछ ही घंटों बाद एमजे अकबर ने मीडिया के सामने खुद ही सवाल उठाते हुए कहा था कि आरोप 2019 के चुनाव से पहले ही क्‍यों लगाएं जा रहें हैं, उन्‍होंने इसके पीछे चुनावी एजेंडा होने की भी बात कहीं थी। साथ ही आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए छवि खराब करने की मात्र इसे कोशिश बताया था।

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