भीड़ ने फिर दिखाई हैवानियत, जादू-टोने के शक में घर से खींचकर बुजुर्ग दंपत्ति समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला

भीड़ की हैवानियत
घटना के बाद मौके पर लाशें।

आरयू वेब टीम। देश में मॉब लिंचिंग का मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला झारखंड के गुमला इलाके का है जहां जादू-टोने के शक में रविवार को बुजुर्ग पति-पत्‍नी समेत चार लोगों की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस का कहना है कि ‘प्रथम दृष्टया लगता है कि पीड़ित जादू टोना में शामिल थे। अंधविश्वासों के कारण उनकी हत्या हुई है।’

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार आज तड़के गुमला के शिकारी गांव में चार लोगों को घर से खींचकर निकालने के बाद लाठी-डंडे से पीट-पीटकर मार डाला गया। हत्या की इस घटना को तड़के करीब तीन बजे अंजाम दिया गया। इस मामले में लगभग 12 लोगों पर हत्या का आरोप है। वहीं हैवानियत के साथ की गयी इस हत्‍या के दौरान बूढ़े लोगों की गर्दन पर धारदार हथियार से भी वार के निशान पुलिस को मिले हैं।

घटना की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस को चारों की लाशें उनके घर से कुछ ही दूरी पर मिली हैं। गुमला के एसपी अंजनी कुमार ने स्‍थानीय मीडिया को बताया कि प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़ित जादू टोना में शामिल थे। अंधविश्वासों की वजह से उनकी हत्या हुई है।

यह भी पढ़ें- राजस्‍थान हाई कोर्ट ने दी इजाजत, पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में होगी दोबारा जांच

मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि लगभग 12 नकाबपोश लोगों ने गांव में मृतकों पर हमला किया। सभी को घर से उठाकर गांव से बाहर ले गए। इसके बाद हमलावरों ने लाठी और डंडों से पीट-पीटकर उनकी हत्‍या कर दी। मृतकों की पहचान फगनी देवी (65 वर्ष), चंपा भगत (65 वर्ष), सुना भगत (65 वर्ष) और पेटी भगत के रूप में हुई है।

यहा बताते चलें कि बीते महीने कथित चोरी को लेकर तबरेज अंसारी नामक युवक के साथ भीड़ ने मारपीट की थी और इस घटना का एक कथित वीडियो सामने आया है, जिसमें कुछ लोग पीड़ित को ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए विवश करते हुए दिखे। तबरेज अंसारी की मौत के मामले में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसे जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल में 22 जून को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था, जिसके बाद से एक बार फिर मॉब लिंचिंग के मामले ने तूल पकड़ लिया।

यह भी पढ़ें- मॉब लिंचिंग पर सख्‍त हुई सुप्रीम कोर्ट, इस काम के लिए राज्‍यों को दिया सिर्फ एक हफ्ते का समय